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मरे मजदूरों को घायलों के साथ ट्रक में लादा और भेज दिया

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द फॉलोअप टीम 

मजदूरों के बदसलूकी सिलसिला बदस्तूर जारी है. यहां तक कि मरने के बाद भी उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया जा रहा है. ताजा मामला शनिवार को यूपी के औरेया जिले में हुई बस दुर्घटना में शिकार हुए झारखंड, बिहार और बंगाल के मजदूरों का है. इस दुर्घटना में कुल 26 लोग मारे गए थे. जिसमें 12 झारखंड के थे. अब उनके शव को ट्रक में लादकर भेज दिया गया है. यहां तक कि इसमें घायल हुए मजदूरों को भी इसी ट्रक में बिठाकर यूपी सरकार ने इन्हें घर भेज दिया. 

रविवार को दोपहर बाद जब ये मामला सामने आया तो दोनों राज्यों की सरकारे हरकत में आई. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर इसे शर्मनाक बताया और यूपी और बिहार सरकार से मदद की गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि इस पार्थिक शरीरों को ससम्मान भेज दिया जाए. साथ ही उन्होंने झारखंड पुलिस और बोकारो के जिलाधिकारी को भी आदेश दिया कि राज्य की सीमा में प्रवेश करते ही इन्हें सम्मान के साथ घर ले जाया जाए और घायलों का उचित्त इलाज कराया जाए. 

हेमंत सोरेन ने इनके लिए आर्थिक मदद की भी घोषणा की. उन्होंने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए और घायलों को 50 रुपए देने की बात कही है. लेकिन सवाल ये उठता है कि जब राज्य के मजदूर इस हालात में थे तो उनकी सुध क्यों नहीं ली गई. वह भी तब जब सभी राज्यों के लिए अलग नोडल अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं. क्यों नहीं वो अधिकारी संबंधित राज्य के अधिकारी से बात कर इन मजदूरों की ससम्मान घर वापसी सुनिश्चत कराई. इतनी बड़ी घटना होने के बाद यूपी सरकार ने उसकी सही से निगरानी क्यों नहीं की. 

मृतकों में झारखंड के गोवर्धन कालिंदी, किरिटी कालिंदी, मनोरथ महतो, कनिलाल महतो, रंजन कालिंदी झारखंड के बोकारो जिले के खिराबेड़ा गांव के निवासी हैं. अन्य मृतकों में राहुल सहिस, राजा बिराना गोस्वामी, उत्तम गोस्वामी, डाक्टर महतो, नकुल महतो, सोमनाथ गोस्वामी और नीतीश शामिल हैं. घायलों में दीपक, योगेश्वर कालिंदी, धनंजय शामिल हैं.