logo

झारखंड में कोरोना अब तक, कहां-क्या और कैसे हुआ पूरी कहानी

58news.jpg

बीते चार मार्च को भारत में कोरोना का पहला मरीज दिल्ली में पता चला. इसके बाद 24 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू की बात कही. उसी शाम को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने 31 मार्च कर पूरे राज्य में लॉकडाउन की घोषणा कर दी. इसके अगले ही दिन पूरे देशभर में केंद्र सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया. इधर 14 दिन बाद यानी 18 मार्च को ये पहला मरीज ठीक होकर घर लौट गया. 

इस दौरान झारखंड में अब तक कुल 73,251 लोग दूसरे राज्यों से आ चुके हैं. वहीं विदेशों से 1031 लोग आए हैं. विदेशों से आए लोगों को निगरानी में रखा गया है. वहीं कुल 1 लाख 43 हजार 227 लोगों को होम क्वारंटाइन में रखा गया है. 

वहीं अब भी राज्य के बाहर बड़ी संख्या में झारखंडी फंसे हुए हैं. गुजरात के 74 स्थानों पर 3000 से अधिक, तमिलनाडु में 2250, केरल के 145 स्थानों पर 2944, आंध्र प्रदेश के 32 स्थानों पर 532 लोग फंसे हुए हैं. वेल्लोर में इलाज कराए गए लगभग 600 लोग वहीं रुके हुए हैं. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के 28 स्थानों पर 550, मध्य प्रदेश में 138, छत्तीसगढ़ में 1500, दिल्ली में 1500, महाराष्ट्र में 740, पंजाब में 479 लोग फंसे हुए हैं. 

रांची रेल मंडल ट्रेन (सवारी) अब पूरी तरह बंद कर दिया गया है. हर दिन 56 ट्रेनों का आवागमन होता था. फिलहाल 80 मालगाड़ी हर दिन चल रहे हैं. इसके साथ ही अंतर राज्यीय और राज्य के भीतर जरूरी सेवाओं को छोड़ सभी तरह का परिचावन सेवा बंद कर दिया गया है. 

फिलवक्त राज्य में दो जगहों पर टेस्ट किया जा रहा है. रांची के रिम्स और जमशेदपुर के माहत्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में. इसके अलावा कोविड पेशेंट के लिए बनाए गए खास सेंटर में आईसीयू बेड की संख्या 30 है, जिलों में कोविड-19 पेशेंट के लिए 155 बेड (नॉन आईसीयू), वहीं आईसीयू वाले बेड 209 हैं. राज्य भर में बने आईसोलेशन सेंटर में कुल 2891 बेड हैं. वहीं क्वारंटाइन सेंटर पर 40,508 बेड हैं. फिलहाल 14228 लोग क्वारंटाइन सेंटर में हैं. 

राज्य में कोरोना का पहला मामला 
31 मार्च को रांची के जिलाधिकारी राय महिमापद रे ने एक वीडियो जारी कर इसकी पुष्टि की है. हेल्थ सेक्रेटरी नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि ‘’जिस महिला में इसकी पुष्टि हुई है, वह मलेशिया की रहनेवाली है. 

दूसरा मामला 
2 अप्रैल को हजारीबाग के एक व्यक्ति का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया. वह आसनसोल, पश्चिम बंगाल में काम कर रहा था। उसे क्वारंटाइन में रखा गया है. 

तीसरा मामला 
5 अप्रैल को बोकारो के तेलो से एक संक्रमित महिला मिली. वह बीते 15 मार्च को बंग्लादेश की राजधानी ढ़ाका से तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौटी थी. 

चौथा मामला 
6 अप्रैल को एक बार फिर रांची के हिंदपीढ़ी से चौथा केस पॉजिटिव मिला

मात्र इतने लोगों की हुई है जांच 
अब तक राज्य के सभी 24 जिलों में पांच तारीख की शाम तक 911 लोगों का टेस्ट किया जा चुका है. जिसमें 4 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. तुस 726 केस निगेटिव आए हैं. बाकि के परिणाम आने बाकि हैं. 

ये कमी है झारखंड सरकार के पास 
राज्य के 21 लाख मजदूरों का पंजियन हैं. हालांकि विभाग के पास ये डेटा नहीं है कि कितने मजदूर बाहर के राज्यों में जाकर काम करते हैं. इन्हें सहायता पहुंचाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अगर आइसोलेशन में रखने की नौबत आई तो 567 बेड का ही इंतजाम है. राज्य के मेडिकल कॉलेजों में 96 बेड, जिला अस्पतालों में 200 और निजी अस्पतालों में कुल 271 बेड हैं. राज्य के 14 जिलों में कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू की कोई व्यवस्था तक नहीं है. 

ये हीरो बनकर निकले हैं 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुरूआत से ही मामले को काफी गंभीरता से लिया. वह लगातार मीटिंग करते रहे, हर दिन जरूरत के मुताबिक फैसले लेते गए. अपने ट्विटर हैंडल पर राज्य के भीतर और बाहर फंसे लोगों को लगातार मदद पहुंचवाते रहे. 

चाईबासा के विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने कोविड-19 की सैंपल जांच के लिए चलंत मशीन बनाया. जो लोगों को घरों तक जाकर सैंपल कलेक्ट करता है. आदित्य बीआईटी मेसरा के छात्र भी रह चुके हैं. 

बगोदर विधायक विनोद सिंह ने लोगों की मदद करने के लिए एक अलग ऑफिस ही बना डाला. इस वॉर रूम से वह हर दिन 700-800 लोगों को फोन रिसिव करते रहे. उन्हें फोन, ट्विटर और अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से मदद पहुंचाते रहे. 

झारखंड जनाधिकार महासभा के कार्यकर्ताओं ने ग्रामीण इलाकों पर खासा ध्यान दिया. वहां के मनरेगा मजदूर जिनके पास खाने का इंतजाम नहीं है, सरकार को उसकी जानकारी देकर, जरूरतमंदों कर राशन पहुंचवाने में मदद की. 

इन्होंने डाला मुश्किल में  
बाहर देशों से आए लोगों ने इस दौरान सबसे अधिक मुश्किल में डाला. हिंदपीढ़ी बड़ी मस्जिद से 17 विदेशियों को पकड़ा गया. इन विदेशियों की बात करें तो इनमें सबसे अधिक 8 मलेशिया, 4 यूके, 1 पोलैंड, 2 अफ्रीका,  2 वेस्टइंडीज के रहने वाले थे और तब्लीगी जमात के अंतर्गत भारत पहुंचे थे. 

24 मार्च को रांची जिले के ही रड़गांव इलाके में 11 मुस्लिम धर्म प्रचारकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. फिर उन्हें जमशेदपुर स्थित क्वारंटाइन सेंटर ले जाया गया था. इसमें चीन के तीन, किर्गिस्तान के चार और कजाकिस्तान के चार मौलवी शामिल थे. 

इसके अलावा राजधानी रांची के मोहल्ले हिंदपीढ़ी में कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया. इस दौरान सफाई करने गए कर्मियों को मोहल्ले वाले ने भगा दिया. कहा कि कोरोना का अफवाह है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है. लोग सड़कों पर ही घूमते नजर आए. किसी तरहकी सावधानी नहीं बरती. प्रशासन के काफी मनाने के बाद पूरे मुहल्ले की स्क्रिनिंग की गई है.