द फॉलोअप टीम, रांची:
कोरोना लॉकडाउन के दौरान झारखंड के जिन श्रमिकों को दूसरे राज्यों की कंपनियों ने फ्लाइट के जरिये वापस बुलाया था, अब उनकी सैलरी से फ्लाइट का किराया काटा जा रहा है। राज्य हेल्पलाइन नंबर में ऐसी 100 से ज्यादा शिकायतें मिली है। श्रमिकों ने शिकायत की है कि उनसे फ्लाइट का किराया किश्तों में वसूला जा रहा है। प्रतिमाह उनकी सैलरी से एक निश्चित रकम काट ली जाती है। इसकी वजह से श्रमिकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
कहा था खर्चा कंपनी उठा रही है
एक श्रमिक के मुताबिक उसे लॉकडाउन के दौरान कंपनी ने वापस
बुलाया। फ्लाइट का टिकट दिया जिसकी कीमत 12 हजार रुपये थी। उस वक्त कहा गया था कि
सारा खर्चा कंपनी वहन कर रही है। श्रमिकों के मुताबिक उनकी सैलरी 10 हजार रुपये
है। अब उनसे 4 हजार रुपये के तीन किश्तों में फ्लाइट का किराया वसूला जा रहा है।
बीते 2 महीने में 10 हजार रूपये की सैलरी में 4 हजार रुपये काट लिये गये जिसकी वजह
से काफी मुश्किलें हो रही हैं।
वेजेज एक्ट का उल्लंघन हो रहा है
जानकारी के मुताबिक मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु की कंपनियों
में काम करने वाले श्रमिकों ने राज्य सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की है। मिली
जानकारी के मुताबिक जब कंपनी को जरूरत थी श्रमिकों को फ्लाइट के जरिये बुला लिया
गया लेकिन अब कंपनी अमानवीयता बरत रही है। श्रमिकों को पहले तो बहुत कम सैलरी दी
जा रही है उनसे किराया भी वसूल लिया जा रहा है। झारखंड सरकार के श्रम विभाग की
हेल्पलाइन को लीड कर रहे जॉनसन टोपनो ने बताया कि किराया काटना वेजेज एक्ट 1936 क
उल्लंघन है।