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झारखंड: 4 माह से लटकी है कनीय अभियंता और कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति, दिसंबर से नहीं मिला मानदेय

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड के पंचायतों में कनीय अभियंता यानी जूनियर इंजीनियर्स और कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की जानी थी। फरवरी माह में इसकी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं हो सकी है। इसकी वजह ये थी कि पंचायती राज विभाग ने कोरोना संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर नियुक्ति के लिये तय अंतिम परीक्षा को स्थगित कर दिया था। 

20 अप्रैल को ही होने वाली थी परीक्षा
मिली जानकारी के मुताबिक पंचायतों में कनीय अभियंता और कंप्यूटर ऑपरेटर के विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा 20 अप्रैल को ही होनी थी। पंचायती राज विभाग का कहना है कि अब स्थिति सामान्य होने पर ही परीक्षा ली जायेगी। इसका सीधा सा मतलब है कि फिलहाल लंबे समय तक इन पदों पर नियुक्तियां नहीं की जा सकेंगी। ये नियुक्तियां 15वें वित्त आयोग से संबंधित कार्यों के लिए पंचायतों में कनीय अभियंता और कंप्यूटर ऑपरेटर के पद की जा रही है। 

तकरीबन 1250 पदों पर होनी थी नियुक्ति
बताया गया है कि तकरीबन 1250 पदों पर नियुक्ति की जानी है। प्रत्येक प्रखंड में कनीय अभियंता की नियुक्ति की जायेगी। जानकारी के मुताबिक पहले ये तय किया गया था कि पांच मई तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करके कर्मियों का पंचायतों में कर्मियों का योगदान लिया जायेगा लेकिन कोरोना की वजह से पूरा मामला फंस गया। 

14वें वित्त आयोग के लिए हुई थी नियुक्तियां
बता दें कि इन तमाम कर्मियों की नियुक्ति पहले 14वें वित्त आयोग के कार्यों के लिए की गई थी लेकिन उनसे काम नहीं लिया जा सका। इसके बाद 15वां वित्त आयोग आ गया। अब सवाल ये था कि इनका समायोजन किया जायेगा या नये सिरे से उनकी बहाली की जायेगी। पुराने कर्मियों का कार्यकाल दिसंबर 2020 में ही समाप्त हो गया था। तय किया गया कि नये सिरे से बहाली की जायेगी। मुश्किल ये है कि नई बहाली हुई नहीं और कर्मियों को दिसंबर से मानदेय नहीं मिला। 

दिसंबर महीने से कर्मियों को नहीं मिला वेतन
मुश्किल है कि दिसंबर माह से ही इन कर्मियों को मानदेय नहीं मिला। अब नियुक्ति होगी तभी उनको मानदेय दिया जा सकेगा। पंचायती राज विभाग ने जिस तरह कहा है कि स्थिति सामान्य होगी तभी परीक्षा ली जायेगी। स्पष्ट है कि इसमें काफी लंबा वक्त लगेगा। दूसरी तरफ 14वें वित्त आयोग के कर्मियों ने विलंब होता देख सरकार से मेधा सूची के आधार पर ही बहाली की मांग की है। 

कर्मियों ने विभाग औऱ मंत्री के सामने रखी मांग
मिली जानकारी के मुताबिक कर्मियों ने अलग-अलग माध्यम से विभागों और मंत्रियों तक अपनी बात पहुंचाई है। उनका कहना है कि नियुक्ति में काफी देरी होगी। कोरोना की वजह से काफी वक्त लगने वाला है। उनकी मांग है कि कर्मियों को मेधा सूची के आधार पर रख लिया जाये ताकि पंचायतों का कामकाज सुचारू रूप से चलता रहे। सरकार ने इस पर क्या फैसला किया फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है। 

इन नियुक्तियों के लिए किया गया था आंदोलन
गौरतलब है कि कंप्यूटर ऑपरेटर और कनीय अभियंता की नियुक्ति को लेकर लंबे समय तक रांची में आंदोलन किया गया था। राज्य भर के कर्मियों ने बिरसा चौक में धरना भी दिया था। इस दौरान पुलिस ने आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज भी किया था। ये आंदोलन काफी लंबा चला था। लंबे आंदोलन के बाद सरकार ने उनको नियुक्त करने का फैसला किया था। उसी के मुताबिक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई थी।