द फॉलोअप टीम, पटना:
जिस विधानसभा के चुनाव परिणाम के बाद नीतिश कुमार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बने, उस चुनाव में यदि सबसे अधिक जिसकी सभा में सबसे अधिक भीड़ उमड़ रही थी, वो नाम था- तेज तर्रार राजद तुर्क तेजस्वी यादव। इसकी बड़ी वजह थी, उनका युवा बेराजेगारों को अपनी ओर खींचना। उनके भाषण का सार ही होता था कि अगर उनकी सरकार आई तो वो युवाओं को नौकरी देंगे। रोजगार देंगे। राजद ने 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था।इस भीड़ और तेजस्वी के भाषण का असर भी हुआ कि राजद बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई। भाजपा ने भी अपने घोषणापत्र में बेरोजगारों को 19 लाख नौकरियों का वादा किया था। हालांकि नीतीश ने भी बाद में नौकरी और रोजगार देने का आश्वासन शुरू किया। लेकिन सत्ता संभालने के बाद उनकी बातें आश्वासन ही साबित हुईं।
अब तेजस्वी यादव जल्द ही 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' शुरू करने वाले हैं। विशेष रथ भी बनकर तैयार है। राबड़ी आवास पर रथ पहुंच गया है। तेजस्वी यादव खरमास के बाद बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर निकलेंगे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'समाज सुधार यात्रा' के जवाब में बेरोज़गारी यात्रा निकलने जा रही है। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश सरकार सभी मोर्चों पर नाकाम है। युवाओं को रोजगार देने का सरकारी वादा भी झूठा ही सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा, ‘बिहार सरकार के एक महीने में लोगों को 19 लाख नौकरियां देने के वादे का क्या हुआ? जनता अब और इंतजार नहीं कर सकती... राज्य में कोई डबल इंजन की सरकार नहीं है।’