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उत्तराखंड में चार धाम सड़क परियोजना को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, चीन पर शिकंजा कसना जरूरी

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द फॉलोअप टीम, दिल्लीः
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को उत्तराखंड में चार धाम सड़क परियोजना के लिए 3 डबल-लेन हाईवे बनाने की इजाजत दी है। साथ ही कोर्ट ने सड़क की चौड़ाई 10 मीटर करने की इजाजत भी दे दी है। आपको बता दें कि केन्द्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से सड़क चीन सीमा से जुड़े होने के कारण सेना और सामान ले जाने के लिए सड़क चौड़ी करने की इजाजत मांगी थी। गौरतलब है कि सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी मंगलवार को चारधाम सड़क चौड़ीकरण परियोजना को मंजूरी दी है। 

निगरानी के लिए हुआ समिति का गठन
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सड़क चौड़ीकरण के मंजूरी के साथ ही एक निगरानी समिति का भी गठन किया है। जिसकी अगुवाई पूर्व न्यायाधीश एके सीकरी ने की। कोर्ट का कहना है कि निगरानी समिति का काम है कार्य को सही ढंग से करवाना और प्रोजेक्ट की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को मुहैया कराते रहना। साथ ही निगरानी समिति को रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और सभी जिलाधिकारियों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। 

क्या आयेगा खर्च 
यह परियोजना में 900 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण करना है जिसमें कुल 12,000 करोड़ रुपये के खर्च है। बता दे कि इस परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों - यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है। और साथ ही भारतीय सेना को मजबूत करना है। 

चीन की सीमा तक पहुंचने में होगी आसानी
बीते लंबे समय से चीन के साथ भारत की सीमा विवाद है। चीन अपनी सीमा पर सैनिकों की भारी तैनाती कर रखा है। ऐसे में सुरक्षा के दृष्टिकोण से चीन सीमा तक जल्दी पहुंचने के लिए यह प्रोजेक्ट जरूरी है। इस सड़क परियोजना से भारतीय सेना चीन से लगने वाली सीमा तक आसानी से पहुंच सकती है।