द फॉलोअप टीम, रांची:
आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा है कि कोरोना महामारी का असर सिर्फ स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर ही नहीं पढ़ा है, बल्कि इसका प्रभाव जीवन के सभी क्षेत्रों पर है। कोरोना महामारी का शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ज्यादा ही असर पड़ा है। खासकर स्कूली छात्र-छात्राएं इससे व्यापक रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
शिक्षा मंत्री की बीमारी भी चिंता का विषय
सुदेश महतो न कहा कि पिछले कुछ महीनों से शिक्षा मंत्री गंभीर रूप से बीमार हैं। इस वजह से हमारी शिक्षा व्यवस्था में ठोस निर्णय क्षमता का अभाव दिख रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को को इस विषय पर गंभीर समीक्षा करने की जरूरत है। सुदेश महतो ने कहा कि बच्चों का भविष्य कैसा होगा। शिक्षा को लेकर सरकार की क्या रणनीति होगी। ये स्पष्ट किया जाना जरूरी है।
लॉकडाउन में नहीं मिल रही जरूरी किताब
आजसू प्रमुख ने कहा कि फिलहाल स्कूल बंद होने की वजह से छात्रों को किताबें वगैरह उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। घर पर कंप्यूटर, इंटरनेट या पर्याप्त संख्या में मोबाइल ना होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई में छात्रों को परेशानियां हो रही हैं, वहीं लड़कों को लड़कियों पर प्राथमिकता दी जा रही है। कोरोना के कारण हुए आर्थिक तंगी के कारण लड़कियों की पढ़ाई छूटने का भी डर शामिल हो गया है।
आर्थिक तंगी से बच्चियों की पढ़ाई छूटेगी!
सुदेश महतो ने कहा कि आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों का कोरोना लॉकडाउन के बाद आर्थिक तंगी वाली स्थिति हो गयी है। उनके पास खाने को भी पर्याप्त संसाधन नहीं बचा है। ऐसे हालात में बच्चों खासकर लड़कियों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाने की स्थिति में ये परिवार नहीं हैं। सुदेश महतो ने कहा कि डर इस बात का है कि आर्थिक तंगी की वजह से बच्चियों की पढ़ाई बाधित हो जायेगी।
कक्षा दसवीं के बच्चों पर खास ध्यान जरूरी
सुदेश महतो ने कहा कि दसवीं तथा बारहवीं कक्षा के छात्रों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इन कक्षाओं की पढ़ाई, उनकी भविष्य की नीव डालती है। सिर्फ पास करवा देने पर उनकी आगे की प्रतियोगिता परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने की क्षमता को कमजोर कर सकती है। इनके लिए विशेष कोचिंग की व्यवस्था करनी होगी।