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पंचायत सचिव अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर सीता सोरेन ने सीएम से अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया

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द फॉलोअप टीम, रांची 
जेएमएम विधायक सीता सोरेन की इन दिनों राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं। वे ट्विटर पर भी काफी एक्टिव हो गई हैं। पंचायत सचिव की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उन्होंने ट्वीट कर दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव अभ्यर्थी के वेकैंसी से हजारों युवाओं छात्र-छात्राओं का भविष्य जुड़ा हुआ है। अब तो उच्च न्यायालय ने भी स्पष्ट कर दिया कि इनकी वैकेंसी में कोई रोक नहीं है। सीता सोरेन ने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री से पंचायत सचिव की नियुक्ति पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया है।

3088 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में  
बता दें कि पंचायत सचिव की अंतिम मेधा सूची राज्य सरकार द्वारा लटकाए जाने से 3088 अभ्यर्थियों भविष्य अधर में लटका हुआ है। बता दें कि पिछली सरकार का कहना था कि संविधान की पांचवीं अनुसूची में राज्यपाल को अधिसूचित क्षेत्र के मामले में नियम बनाने के अधिकार दिए गए हैं। झारखंड में शिक्षकों की व्यापक कमी थी। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। इसी के आधार पर सरकार ने स्थानीय स्तर पर युवाओं को नौकरी देने के लिए नियोजन नीति बनाई। वहीं वर्तमान सरकार का कहना है कि पिछली सरकार ने दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरी देने के लिए 11 जिलों में नौकरी के दरवाजे खोल दिए थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछली सरकार ने 5 वर्षों तक झारखंडियों को सिर्फ धोखा ही दिया।

एक साल से जेएसएससी की नियुक्ति पर रोक
छात्रों का कहना है कि सोनी कुमारी हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रकिया से संबंधित है, इसका पंचायत सचिव की नियुक्ति प्रकिया से कोई संबंध नहीं है, फिर भी हमारी नियुक्ति प्रकिया को विगत 1 वर्ष से रोक कर रखी गई। पंचायत सचिव मामले में विभिन्न चरणों में लिखित और जांच परीक्षा पूरी की जा चुकी है। सफल अभ्यर्थियों का 2019 के सितम्बर में प्रमाण-पत्रों की जांच की जा चुकी है। नियुक्ति पर लगी रोक से परेशान अभ्यर्थी कई दफा गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद पंचायत सचिव की अंतिम मेधा सूची प्रकाशित नहीं की गई है।