द फॉलोअप टीम, सिमडेगा:
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाली महिला हॉकी खिलाड़ी संगीता कुमारी की दक्षिण पूर्व रेलवे में नौकरी लगी है। संगीता ने अपनी पहली पगार से गरीब बच्चों के बीच गेंद, हॉकी और मिठाइयां बांटी है। संगीता सिमडेगा के करनागुड़ी नवाटोली गांव की रहने वाली हैं। संगीता ने जूनियर महिला हॉकी टीम का सफर तय करते हुए अगस्त महीने में सरकारी नौकरी पाई। नौकरी के बाद वह पहली बार अपने गांव पहुंची लेकिन अपनी गरीबी को नहीं भूली। गांव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति को धोती देकर सम्मानित किया।
बांस को स्टीक से खेलती थी संगीता
संगीता अपने संघर्ष के दिनों में बांस को स्टीक से हॉकी खेला करती थी। पिता ने किसानी कर बेटी को आगे बढ़ाया । सागीता अपने पिता रंजीत मांझी व लखमणि देवी की चौथी बेटी है। संगीता के तीन बड़ी बहन सिमडेगा में पढ़ाई करती हैं। संगीता को नौकरी मिल जाने के बाद अब छोटी-बड़ी सभी बहनों को पढ़ाई में आसानी हो जाएगी। संगीता करगागुड़ी नवाटोली की पहली सदस्य है जिसे सरकारी नौकरी मिली है।
भरतीय महिला हॉकी कैंप में हैं शामिल
संगीता बंगलुरु में चल रहे जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम की कैंप में शामिल है। दिवाली की छुट्टी में वह अपने गांव पहुंची हैं। संगीता ने कहा की पहले बच्चों को देखती थी कि वह बांस के जड़ को गेंद बनाकर हॉकी खेलते थे। मैं भी इसी तरह खेलती थी। मुझे हॉकी से नौकरी मिली है। इसलिए मैंने बच्चों खेलने का समान दिया।