द फॉलोअप टीम, मुंबई:
शिवसेना पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव लड़ेगी या नहीं, इस सवाल का जवाब मिल गया है। शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मुखपत्र सामना के संपादक संजय राउत ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिए इस बात का जवाब दिया है कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारेगी या नहीं। शिवसेना के पश्चिम बंगाल के चुनाव में लड़ने संबंधी सवाल की बड़ी वजह ये है कि पार्टी ने बीते कुछ महीनों में दूसरे राज्यों में हुए चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे थे।
शिवसेना ममता बनर्जी के नैतिक समर्थन देगी
ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर संजय राउत ने लिखा कि बीते काफी दिनों से लोग पूछ रहे हैं कि क्या शिवसेना पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। हमने इस बारे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बातचीत की। उन्होंने लिखा कि पश्चिम बंगाल के ताजा हालात को देखें तो वहां दीदी बनाम बाकी राजनीतिक पार्टियों का मुकाबला हो गया है। बीजेपी का नाम लिये बिना संजय राउत ने लिखा कि विपक्षी पार्टी पैसा, बाहुबल और मीडिया तीनों का इस्तेमाल ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ कर रही है। इसलिए हमने फैसला किया है कि शिवसेना वहां चुनाव नहीं लड़ेगी।
संजय राउत ने लिखा कि शिवसेना पश्चिम बंगाल चुनाव से खुद को दूर रखेगी और ममता बनर्जी के प्रति नैतिक समर्थन बनाये रखेगी। संजय राउत ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी पूरी गर्जना वाली धमाकेदार जीत हासिल करें क्योंकि हमारी नजर में रियल बंगाल टाइगर वहीं हैं।
पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में डाले जायेंगे वोट
बता दें कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा की है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें है जिसके लिए कुल 8 चरणों में वोट डाले जायेंगे। मतगणना 2 मई को होगी और उसी दिन परिणाम भी आयेंगे। चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही बीजेपी, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। तमाम बड़े नेता चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि बंगाल का चुनाव मुख्य रूप से तृणमूल बनाम बीजेपी हो गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 18 सीटें मिली थी जिसकी वजह से पार्टी काफी उत्साहित है।