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नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज! ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहे सुरक्षाबल के जवान

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया गया है। सुरक्षाबल नक्सल प्रभावित इलाकों में ताबड़-तोड़ छापेमारी कर रहे हैं। सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, झारखंड जगुआर और जिला पुलिस के जवानों द्वारा लगातार जंगली इलाकों में अभियान चलाया जा रहा है। चाईबासा जिला के टोपलो थाना इलाका स्थित लांजी पहाड़ी में नक्सिलों द्वारा किये गये लैंड माइन्स ब्लास्ट में तीन जवान शहीद हो गये थे। घटना के बाद से ही नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया गया है। 

गुरुवार को हुआ थाा भीषण नक्सली हमला
बता दें कि बीते गुरुवार को सीआरपीएफ 197वीं बटालियन और झारखंड जगुआर के जवान लांजी पहाड़ी इलाके में रूटीन रिप्लेसमेंट के लिए जा रहे थे। इसी समय नक्सलियों द्वारा लैंड माइन ब्लास्ट किया गया। ब्लास्ट में झारखंड जगुआर के 2 जवान मौके पर ही शहीद हो गये। तीन जवान घायल हो गये थे जिन्हें इलाज के लिए रांची लाया जा रहा था। रांची लाये जाने के क्रम में एक और जवान ने दम तोड़ दिया। बाकी घायल जवानों का इलाज रांची में किया जा रहा है। 

लांजी पहाड़ी में सघन तलाशी अभियान
जानकारी के मुताबिक जिला पुलिस, सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर और कोबरा बटालियन के जवान पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला- खरसावां और खूंटी जिला के नक्सल प्रभावित इलाकों में व्यापक पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। विशेष तौर पर चाईबासा के लांजी पहाड़ी सहित आसपास के इलाकों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उनका सत्यापन किया जा रहा है। इस बीच खबर मिली है कि नक्सलियों ने जिन जवानों को अपना शिकार बनाया, उनके पास से एक दंपत्ति हमले के कुछ ही मिनट पहले गुजरा था। जवान इन दंपत्ति को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। हालांकि, दंपत्ति का कहना है कि वे रोजाना झाड़ी काटने उस इलाके में जाते हैं और उस दिन भी गये थे। 

लांची पहाड़ी के पास पसरा है सन्नाटा
इस बीच खबरे हैं कि चाईबासा के लांजी पहाड़ी के आसपास के इलाकों में सन्नाटा पसरा है। लोगों में दहशत है। पहाड़ी के आसपास बकरियां या गाय चरा रहे चरवाहे भी काफी डरे सहमें लग रहे हैं। बता दें कि झारखंड सरकार ने हाल के दिनों में हुये नक्सली हमलों के बाद उग्रवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपना ली है। सीएम हेमंत सोरेन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि नक्सली हथियार छोड़ कर मुख्यधारा में लौटेंगे तो उनके साथ मानवीय व्यवहार किया जायेगा अन्यथा पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है।