द फॉलोअप टीम, रांची:
विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान सरयू राय ने कहा कि केंद्रीय दरों में हिस्सा घटना जा रहा है। बीते साल ये तकरीबन 30 प्रतिशत था जो इस बार घटकर करीब 24 प्रतिशत रह गया है। ये दर क्यों घटता जा रहा है इस पर विचार किया जाना चाहिये। सरयू राय ने कहा कि पिछली बार ऋण 13 प्रतिशत था जो इसबार 16 प्रतिशत है।
सरयू राय ने ऋण लेने को बताया गलत
सरयू राय ने कहा कि ऋण लेना किसी भी परिस्थिति में ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आने वाले दो साल तक झारखंड सरकार को 65 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट नहीं बनाना चाहिये। सरयू राय ने कहा कि विभाग अपने फंड का पूरी तरह इस्तेमाल ही नहीं कर पाते। ये काफी चिंताजनक स्थिति है।
विकास के लिए बजट का पैसा खर्च करें
सरयू राय ने सदन में कहा कि कृषि विभाग अपने मद का केवल 6.69 फीसदी ही राशि खर्च कर पाया। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को सोचना चाहिये। सरयू राय ने कहा कि एक थानेदार को कागज खरीदने के लिए बाजार से जुगाड़ करना पड़ता है। उनको पैसा ही नहीं मिलता। सरयू राय ने कहा कि बजट में केवल पैसा बढ़ाने से विकास नहीं होगा।
बजट का पैसा खर्च भी करना होगा। उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े विभागों को सीधा पैसा मिलना चाहिए। सरयू राय ने कहा कि बजट सुंदर है लेकिन व्यवहारिक नहीं है।