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देश की एकता और अखंडता के लिए दौड़ा इंडिया, कश्मीर से कन्याकुमारी तक 'रन फॉर यूनिटी'

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द फॉलोअप टीम, डेस्क: 

आजाद भारत के पहले गृह मंत्री और भारत की संघीय व्यवस्था के पितामह कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती है। इस मौके पर देश में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। वल्लभभाई पटेल की जयंती पर देश के अलग-अलग हिस्सों में रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया गया। दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। 

देश की प्रथम महिला ने दिखाई हरी झंडी
देश की प्रथम महिला सविता कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर पुलिस परिवार कल्याण सोसायटी (दिल्ली पुलिस) द्वारा आय़ोजित मिशन ओलंपिक रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाई। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने रन ऑफ यूनिटी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और राष्ट्रीय एकता की शपथ ली। 

जम्मू-कश्मीर पुलिस भी एकता के लिए दौड़ी
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी राष्ट्रीय एकता दिवस 2021 के मौके पर श्रीनगर में रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया। इस मौके पर डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम में बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों सहित 700 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि मैं इस कार्यक्रम के समन्वय और सफल आयोजन के लिए सशस्त्र पुलिस बल को बधाई देता हूं। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा और तनाव के बीच ये आयोजन किया गया। 

सीआरपीएफ ने साइकिल रैली निकाली थी
जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 160वीं बटालियन ने भी जम्मू में साइकिल रैली का आयोजन किया। ये भी रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम का ही हिस्सा था। सीआरपीएफ के डीआईजी आरपी पांडे ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हमारे जश्न के हिस्सा के रूप में हम एकता और अखंडता के संदेश को बढ़ावा देने के लिए इस रैली का आयोजन कर रहे हैं। डीआईजी आरपी पांडे ने कहा कि उनके लिए राष्ट्रीय एकता सर्वोपरि है। सभी देशवासियों के लिए भी होना चाहिए। 

भारत की अखंडता के नायक हैं सरदार पटेल
गौरतलब है कि आजादी के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल की अगुवाई में ही देश के छोटे-बड़़े रियासतों को मिलाकर भारत संघ का निर्माण हुआ था। गौरतलब है कि 600 से भी ज्यादा रियासतों को सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारतीय संघ में शामिल करवाया था। कहीं प्यार से तो कहीं सख्ती से सरदार वल्लभभाई पटेल ने इस काम को अंजाम दिया था।