द फॉलोअप टीम, धनबाद:
खुद को मृत बताने वाले रिटायर्ड बीसीसीएल कर्मी दिलीप कुमार मुखोपाध्याय को गुरूवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत में हाजिरी लगाने के दर से दिलीप ने खुद को मृत बता दिया था। सीबीआई ने 3 साल बाद मुखोपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है। धनबाद सीबीआई कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। विस्फोटक और भ्रष्टाचार मामले में दिलीप को 5 साल की सजा मिली थी। लेकिन फिर उसने हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की थी। जिसके बाद उसे इस शर्त पर जमानत मिली थी कि अपनी तारीख पर धनबाद सीबीआई कोर्ट में हाजिर लगाता रहेगा।
सीबीआई को जांच सौंपी गयी थी
कुछ समय तक तो उसने हाजिरी लगाई लेकिन बाद में 2018 में उसने अपने वकील से यह कहलवा दिया कि उसकी मौत हो गयी है। लेकिन वकील ने मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं जमा किया तो कोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था। जांच में सीबीआई को पता चला कि रिटायर्ड बीसीसीएल कर्मी पश्चिम बंगाल के वर्धमान में अपनी बेटी के घर में हैं। इसके बाद सीबीआई टीम पहुंची और दिलीप को गिरफ्तार कर धनबाद ले आई।
तीन लोगों को सजा हुई थी
यह मामला साउथ गोविंदपुर कोलियरी से जुड़ा हुआ है। 35 साल पहले 1986 में धनबाद सीबीआई ने बीसीसीएल कर्मचारी दिलीप कुमार मुखोपाध्याय समेत तीन कर्मियों के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम व भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी। तीनों ने हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की थी। जहां से उन्हें जमानत दी गई थी। बाकी दोनों आरोपी समय समय पर अपनी हाजिरी लगाते रहें हैं लेकिन दिलीप ने खुद को मृत घोषित करवा दिया था।