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आदिम जनजाति समुदाय की दो बच्‍चियों के साथ मानव तस्‍कर ने किया दुष्‍कर्म, एक नाबालिग

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द फॉलोअप टीम, लातेहार:

झारखंड से हर साल लड़कियां रोजी-रोटी की तलाश में बाहर जाती हैं। इसमें दलाल भी सक्रिय हैं। जिन्‍हें मानव तस्‍कर कहा जाता है। इनमें सबसे अधिक पीड़ित आदिवासी बच्‍चियां होती हैं। ऐसी ही दो बच्‍चियों के साथ उनके बकाया पैसे देने के बहाने बुलाकर दुष्‍कर्म का मामला सामने आया है। आरोप मानव तस्‍कर पर ही लगा है। एक पीड़िता नाबालिग है। दोनों बच्‍चियां आदिम जनजाति विलुप्त प्राय परहिया समुदाय की हैं।

दिल्‍ली और जयपुर गई थीं काम करने

लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र के कामता चटुआग की पीड़िता रहने वाली हैं। दोनों पीड़िताओं ने लातेहार एसपी कार्यालय को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। आवेदन के माध्यम से कहा है कि ढाई साल पहले विजय सिंह नामक व्यक्ति चटुआग गांव निवासी महिला की मदद से हमलोगों को काम दिलाने के बात बोलकर दिल्ली लेकर गया था। दिल्ली में एक सप्ताह रखने के बाद एक लड़की को घर में काम करने के लिए जयपुर राजस्थान भेज दिया। दूसरी लड़की को दिल्ली में ही एक घर में काम करने के लिए भेज दिया। लगभग ढाई साल काम करने के बाद जयपुर से पहली लड़की गृह स्वामी से 40 हजार रुपये अपना पारिश्रमिक लेकर दिल्‍ली आ गई। दिल्‍लीवाली लडकी भी घर आने की जिद करने लगी। जिसके बाद मानव तस्कर विजय ने उन्‍हें चंदवा पहुंचा दिया।

 

पैसा देने के बहाने बुलाकर किया दुष्‍कर्म

लेकिन जब दूसरी लड़की ने ढाई साल काम के बदले में पैसे की मांग की तो उसे विजय डराने- धमकाने लगा। लड़कियों के बार-बार बालेने पर विजय ने दोनों को 9 सितम्बर को फोन कर लातेहार बुलाया। दोनों लड़कियों को दिन भर इधर उधर घुमाते रहा। इस दौरान विजय सिंह ने दोनों लड़कियो के फोन छीन कर सिम को तोड़ दिया। वहीं दोनों के साथ उसी रात में किसी अनजान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किया। दोनों लड़किया दूसरे दिन किसी तरह चंदवा अपने घर पहुंची और सारी बात बताई। जिसके बाद 12  सितंम्बर को दोनों लड़कियां अपने परिजनों के साथ चंदवा थाना पहुंची और थाना में विजय सिंह और महिला दलाल के खिलाफ लिखित आवेदन दिया। चंदवा थाना प्रभारी आशुतोष कुमार ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है।