द फॉलोअप टीम, रांची
राज्य को जाम मुक्त बनाने के लिए पुलिस हर मुमकिन कोशिश कर रही है, हाईटेक ट्रैफिक सिस्टम से लेकर अवैध पार्किंग स्थलों की करवाई तक कर शहर के यातायात को सुधरने में लगी है। वहीं नगर निगम के आयुक्त मुकेश कुमार का कहना है कि बड़ी संख्या में शिकायत आ रही है कि लोग अवैध रूप से पार्किंग डेवलप कर रहे हैं। स्थानीय लोगों और असामाजिक तत्वों की मदद से अवैध पार्किंग की शिकायत मिल रही है। ऐसे में नगर निगम ने उन स्थानों को चिन्हित किया है और अब उन स्थानों को टो-अवे जोन बनाया गया है। जानकारी के अनुसार ऐसे जगहों पर पार्किंग करने पर 10-10 हजार रुपये तक फाइन वसूले जा रहे हैं ताकि सड़क को जाम मुक्त बनाया जा सके।
निकाले जायेंगे नए टेंडर
आयुक्त ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण काल में पार्किंग को लेकर कई चीजें बदली गई थी।और ऐसे में अब पार्किंग के एजेंसी के लिए नई टेंडर निकाली जाएगी। जानकारी के मुताबिक इंफोर्समेंट टीम में भी बढ़ोतरी की जाएगी ताकि पार्किंग की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके।साथ ही उनलोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी जो अवैध तरीके से पार्किंग करते हैं और पार्किंग डेवलप करते हैं।
शहर में ज़मीन की कमी होने से नहीं बन पायी पार्किंग
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय का कहना है कि रांची नगर निगम पिछले 8 सालों से लगातार प्रयास कर रहा है कि शहर में पार्किंग की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, मगर शहर के सबसे मुख्य सड़क महात्मा गांधी रोड अनप्लांड तरीके से बसा हुआ है। जगह की कमी की वजह से पार्किंग स्थल पूरी तरह से डेवलप नहीं हो पाई है। इसको लेकर सरकार से फंड की मांग की गई थी ताकि जमीन अधिग्रहण किया जा सके। हालाँकि, जमीन अधिग्रहण में तकनीकी गलतियों की वजह से पार्किंग नहीं बन पाई।