द फॉलोअप टीम, बेतिया:
हर दूल्हे का सपना होता है कि वो अपनी शादी में चमचमाती गाड़ी से अपनी दुल्हन को लेने पहुंचे। लेकिन भगवान की मर्जी के आगे किसकी चलती है कि दूल्हा कार से जायेगा या फिर ट्रैक्टर से। बाढ़ का कहर पूरे बेतिया में जारी है। इसका असर शादी ब्याह में भी देखने को मिल रहा है। हजारों घरों में पानी घुस गया है। बाढ़ ने एक दूल्हे के सपने को चूर-चूर कर दिया।
युवक का सपना था कि वो फूलों से सजी कार से दुल्हन को घर लाए, लेकिन बाढ़ के कारण ट्रैक्टर से उसे अपनी बारात निकालनी पड़ी। दूल्हा ट्रैक्टर के आगे ड्राइवर के बगल में बैठा और बाराती पीछे ट्रॉली में। मामला शिवराजपुर पंचायत के छरकी गांव का है।
बाढ़ का पानी कम नहीं हुआ
दरअसल सोमवार को इस गांव के इरशाद आलम की शादी थी। सभी मेहमान पहुंच गए थे लेकिन पूरे जिले में पर बाढ़ का पानी भरा था। सब परेशान थे कि आखिर बारात कैसे निकाली जाए। काफी सोच-विचार के बाद लोगों ने ट्रैक्टर का सहारा लिया। ट्रैक्टर मंगवाया गया, दूल्हा आगे बैठा और पीछे बैंड पार्टी के साथ सारे बाराती। इसके बाद ट्रैक्टर दुल्हन के घर पहुंचा। बारात को देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गई।
गांव की हालत ख़राब
इधर गौरीपुर मंझरिया गांव टापू बन गया है। सड़क बाढ़ बह गई है। गांव में न कोई सवारी जा सकती है और न ही गांव से कोई सवारी आ सकती है। पैदल भी गांव से निकलने के लिए लोगों को जान जोखिम में डालना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर बांस का पुल बनाकर आवागमन शुरू किया था, पर रविवार रात चचरी पुल भी बह गया।