द फॉलोअप टीम, डेस्क:
21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौक पर राष्ट्र को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष योग दिवस का थीम योग फॉर वेलनेस है। शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योगाभ्यास करना बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग स्ट्रेस से स्ट्रेंथ और निगेटिविटी से क्रिएटिविटी की तरफ जाने का माध्यम है।
महामारी काल में उम्मीद की किरण बना है योगा!
पीएम मोदी ने कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है तब योग उम्मीद की किरण बना है। 2 साल से पूरी दुनिया और भारत में भले ही कोई बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ है लेकिन लोगों का योग दिवस के प्रति उत्साह जरा भी कम नहीं हुआ है। कोरोना के बावजूद कोरोना दिवस की थीम योगा फॉर वेलनेस योगा के प्रति उत्साह को बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं योग दिवस पर कामना करता हूं कि हर देश, हर समाज और हर व्यक्ति स्वस्थ हो। सब साथ मिलकर एक दूसरे की ताकत बनें। हमारे ऋषि मुनियो ने योग के लिए सवत्तम योग उच्चते की परिभाषा दी थी। उन्होंने सुख दुख में समान रहने, और संयम को योग का पारामीटर बनाया था।
महामारी काल में भी लोगों ने योगाभ्यास नहीं भुलाया!
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक त्रासदी में योग ने साबित करके दिखाया है। कोरोना के डेढ़ वर्षों में भारत समेत कितने ही देशों ने बड़े संकट का सामना किया है। दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है। लोग इसको भूल सकते थे। अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाने से इंकार कर सकते थे लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कोरोना महामारी काल के बीते डेढ़ वर्षों में दुनिया के कोने-कोने में लाखों नए योग साधक बने हैं। पीएम मोदी ने कहा कि योग का पहला पर्याय ही संयम और अनुशासन है। लोग इसको अपने जीवन में उतारने का प्रयास कर रहे हैं।
योग दुनिया में आत्मबल का साधन बन गया है!
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के अदृश्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी तब दुनिया का कोई भी देश, साधन और मानसिक रूप से इसके लिए तैयार नहीं था। ऐसी परिस्थिति में योग आत्मबल का माध्यम बन गया। योग ने लोगों में भरोसा बढ़ाया है कि हम इस बीमारी से लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब मैंने फ्रंटलाइन वर्कर्स और डॉक्टरों से बात किया तो पता चला कि उन्होने योग को मजबूती का साधन बनाया। हॉस्पिटल से कई तस्वीरें सामने आती है जहां डॉक्टरों और नर्स मरीजों को योग सिखा रहे हैं। मरीज अपना अनुभव साझा करते हैं। प्राणायाम और अनुलोम विलोम से श्वसन और पतिरोधक क्षमता को मजबूती मिलती है। तमिलसंत तिरूवल्लूवर ने कहा था कि बीमारी की जड़ तक पहुंचो और उसका समाधान करो। मेडिकल साइंस उपचार के साथ साथ हिलींग पर बल देता है।
योगाभ्यास के प्रभावों पर दुनिया में अध्ययन जारी!
पीएम ने कहा कि योग हीलिंग की प्रक्रिया में सहयोगी साबित होता है। मुझे संतोष है कि योग के इस पहलू पर दुनिया के तमाम विशेषज्ञ वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं। योग से शरीर को होने वाले फायदों पर, सकारात्मक प्रभाव पर स्टडी हो रही है। कई स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज की शुरुआत में 10 से 15 मिनट योग कराया जा रहा है। कोरोना से मुकाबले के लिए बच्चों की शारीरिक तैयारी हो रही है। भारत के ऋषियों ने सिखाया है कि योग व्यायाम से हमें अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। सामर्थ्य मिलता है। लंबा सुखी जीवन मिलता है। हमारे लिए हमारे स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा भाग्य है। अच्छा स्वास्थ्य ही सभी सफलता का माध्यम है। भारत में स्वास्थ्य का मतलब केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं है। फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ पर भी जोर दिया गया है।
प्रत्येक व्यक्ति को हर दिन करना चाहिए योगाभ्यास!
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि जब हम प्राणायाम करते हैं औऱ ध्यान करते हैं तो हम अंतर्चेतना को महसूस करते हैं। योग से महसूस होता है कि हमारी वैचारिक शक्ति, इतनी मजबूत है तो दुनिया की कोई परेशानी या नकारात्मकता हमें तोड़ नही सकती। योग हमें स्ट्रेस से स्ट्रैंथ की तरफ और निगेटिविटी से क्रिएटिवी की ओऱ ले जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को योगाभ्यास जरूर करना चाहिए।