द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
बंगाल चुनाव के बाद हालांकि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राजनीति से संन्यास लेने जैसी बातें कही थीं। लेकिन अचानक उन्हों ने कह दिया कि 2024 में ऐसी परिस्थिातियां बनेंगी कि राहुल गांधी ही देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे। इसके बाद से कांग्रेस में उनकी दखल फिर से अहम मानी जानी लगी। वहीं बंगाल चुनाव के बाद शरद पवार से लेकर कई प्रमुख विपक्षी नेताओं से उनकी बात-मुलाकात को उनके मिशन 2025 के तेहत ही माना गया।
चार घंटे तक चली बैठक
आज प्रशांत किशोर राहुल गांधी के घर पहुंचे। प्रियंका गांधी यूपी जाने वाली थीं, लेकिन उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित कर दी। राहुल और प्रियंका के साथ काफी देर तक प्रशांत की बैठक चली। कहा जा रहा है कि करीब चार घंटे बैठक चली। चूंकि कुछ ही महीनों बाद यूपी और पंजाब में विधानसभा होने हैं। इसी को लेकर प्रशांत की मुलाकात हुई है। हालांकि अधिक फोकस पंजाब पर रहा। दरअसल वहां दो प्रमुख नेताओं सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच आपसी खींचतान शबाब पर पहुंच गई है। कांग्रेस चाहती है कि कहीं इसका बुरा असर चुनाव में न पड़े। इसलिए प्रयास है कि दोनों के बीच सुलह हो जाए।
प्रशांत ही सिद्धू को कांग्रेस में भाजपा से लाए
वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव के पहले-पहले तक नवजोत सिद्धू भाजपा के चेहरे हुआ करते थे। लेकिन ऐन चुनाव से पहले उन्हेंर मनाकर कांग्रेस में लाने में प्रशांत किशोर की ही अहम भूमिका रही थी। वहीं पिछले दिनों प्रियंका गांधी वाड्रा से नवजोत सिंह सिद्धू के मिलने की खबर ने भी पंचाब में हलचल मचाई थी। उसके बाद नवजोत की मुलाकात राहुल से भी हुई थी।
अमरिंदर नहीं चाहते कि सिद्धू को मिले जगह
हालांकि इसके कुछ दिनों बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी से मिलने के उपरांत कहा था, 'मैं सिद्धू साब के बारे में कुछ नहीं जानता। जो भी फैसला कांग्रेस अध्यसक्ष लेंगी, हम उसका पालन करेंगे।' अंदर की बात यह है कि अमरिंद सिंह नहीं चाहते हैं कि सिद्धू को पंजाब सरकार या पार्टी में कोई सम्मांनजनक जगह मिले।