logo

लॉकडाउन कहर बनकर टूटी, रैन बसेरे में ज़िंदगी काटने को मजबूर गरीब

7970news.jpg
द फॉलोअप टीम, धनबाद:
मुंबई में चाय बेचकर अपने परिवार का गुजारा करने वाले गिरिडीह के कृष्णा यादव का जीवन लॉकडाउन के समय काफी मुश्किल भरा है। कृष्णा यादव इन दिनों धनबाद के लुबी सर्कुलर रोड के रैन बसेरा में  अपने परिवार के साथ रह रहे है। लॉकडाउन होने के कारण वे मुंबई भी वापस नही जा पा रहे है।

काम की खोज में आये थे
गिरिडीह से धनबाद वह काम की खोज में आये थे लेकिन उन्हें कोई काम नहीं मिला। आसपास के लोग और लुबी सर्कुलर रोड के दुकानदार रोज कुछ खाने को उन्हें देते है जिससे उनका जीवन गुजर रहा है।

पिछले डेढ़ साल से पेंशन बंद
कृष्णा यादव का कहना है कि आखिर दूसरों की मदद से कब तक उनका परिवार चलेगा। उन्हें सरकार की तरफ से मदद मिलनी चाहिए। उनको जो  पेंशन मिलते थे वह भी डेढ़ साल से बंद है। जब 2020 में लॉकडाउन लगा था तो वह अपने घर गिरिडीह आ गए थे। तब तक किसी तरह मजदूरी करके परिवार चलाया। 

सरकारी लाभ की है उम्मीद
मुंबई जाने का सोचा तो लॉकडाउन लग गया और अब धनबाद में पिछले एक साल से भटक रहे है। रहने के लिए कोई घर भी नही है। खाने के लाले हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग है कि उनको सरकारी लाभ मिले।