द फॉलोअप टीम, जमशेदपुर:
जमशेदपुर का कदमा तिस्ता मोड़। क्वार्टर संख्या 97। पांच दिन पहले यहां 4 लोगों की लाश मिली। मृतकों में एक विवाहिता, उसकी दो बेटियां और ट्यूशन पढ़ाने वाली एक टीचर शामिल थीं। हत्या का इल्जाम लगा था विवाहिता के पति पर। नाम दीपक साहू। जमशेदपुर पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जमशेदपुर पुलिस ने हत्या की इस पूरी वारदात का खुलासा करने का भी दावा किया है।
हत्यारोपी दीपक ने खोला 4 हत्या का राज
जमशेदपुर में कदमा तिस्ता रोड स्थित क्वार्टर सख्या 97 में हुई 4 हत्याओं का राज क्या है। दीपक साहू ने क्यों अपनी पत्नी और बेटियों को मार डाला। आखिर ट्यूशन टीचर कैसे दीपक का शिकार बन गयी। दीपक ने अपने दोस्तों पर हमला क्यों किया। आखिर उसके सिर पर खून क्यों सवार था। जमशेदपुर पुलिस के मुताबिक दीपक साहू ने इन सारे सवालों का जवाब दिया है। चलिये, जानते हैं कि पूरा मामला क्या था। दीपक की गिरफ्तारी कैसे हुई। कैसे खुला हत्या का राज।
पुलिस ने दीपक को कैसे किया गिरफ्तार
सबसे पहले ये जानते हैं कि दीपक साहू की गिरफ्तारी कैसे हुई। दीपक साहू को जमशेदपुर पुलिस की निशानदेही पर धनबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया। दीपक धनबाद में ही बीते कई दिनों से छिपा था। दरअसल, जमशेदपुर पुलिस की तकनीकी सेल लगातार दीपक पर निगाह बनाए हुई थी। उसके लोकेशन को ट्रेस किया जा रहा था। शुक्रवार को दीपक धनबाद में हीरापुर पुलिस लाइन स्थित एचडीएफसी बैंक में पैसे जमा कराने आया था। उसे रांची में रह रहे अपने भाई के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने थे।
उसने बैंक मैनेजर को पैसा दिया और जमा कराने को कहा। जैसे ही पैसे ट्रांसफर हुये, रांची में दीपक के भाई मृत्युंजय के मोबाइल में मैसेज आया। इससे पुलिस को दीपक की लोकेशन मिली। पुलिस ने दीपक की फोटो बैंक के मैनेजर को भेज दिया और सूचित करने को कहा।
बैंक से मिले मैसेज की वजह से पकड़ा गया
बकौल बैंक मैनेजर दीपक साहू दोपहर को तकरीबन 2 बजकर 40 मिनट पर पैसों के बारे में पूछताछ करने बैंक आया। बैंक मैनेजर ने फोटो के आधार पर उसकी पहचान की और पुलिस को सूचना दी। जमशेदपुर पुलिस ने धनबाद पुलिस से सामंजस्य स्थापित किया और दीपक को पकड़ लिया गया। जमशेदपुर के एसएसपी डॉ. एम तमिल वाणन ने बताया कि दीपक वारदात को अंजाम देने के बाद बाइक से राउरकेला भाग गया था। वहां से वो एक ट्रक के सहारे धनबाद पहुंचा।
धनबाद में उसने चालक की आईडी के जरिए कमरा बुक किया और वहीं छिपा था। बैंक में भी दीपक ने आईडी मांगे जाने पर बैंक कर्मियों के साथ झगड़ा किया था। यहां वो 1 लाख रुपये से कुछ अधिक की राशि जमा कराने पहुंचा था।
पुलिस से छिपने के लिये दीपक ने बदला लुक
पुलिस के मुताबिक दीपक साहू ने पुलिस से छिपने के लिये अपने लुक में काफी बदलाव किया था। उनसे आर्मी जवानों द्वारा पहने जाने वाला पैंट, भूरे रंग की टीशर्ट पहन ली थी। आरंभिक पूछताछ में दीपक ने हत्या की बात कबूल कर ली है। उसने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से उसने अपने परिवार की हत्या की। उसकी पत्नी और बेटियों की लाश ट्यूशन टीचर ने देख ली थी इसलिए दीपक ने उसे भी मार डाला। दोस्तों को वो बदले की नीयत से मारना चाहता था। दीपक ने पुलिस को बताया कि उसके दोस्तों ने उसे ट्रक के बिजनेस में उतारा था। वहां व्यापार में घाटा लगा।
दीपक का आरोप है कि ट्रक बेचकर मिले पैसे भी उसके दोस्तों ने हड़प लिया था, इसलिए वो दोस्तों की हत्या करना चाहता था। पुलिस ने होटल में छापा मारा तो वहां से बाइक की चाबी, कपड़ा, 1 लाख 9 हजार रुपये और कुछ सामान मिला है।