द फॉलोअप टीम, रामगढ़:
अमानवीय क्रूरता कहा जाए या लापरवाही। जीते जी हम इंसान की कद्र तो करते नहीं, मरने के बाद उसके शव का सम्मान करना भी भूल गए हैं। जबकि हर धार्मिक ग्रंथ के साथ देश का संविधान भी सबसे पहले मानवाधिकार की वकालत करता है। लेकिन इसका खुलेआम उल्लंघन झारखंड के रामगढ़ जिले में पुलिस ही करती दिखाई पड़ी है। सड़क हादसे में मृत एक व्यक्ति के शव को स्ट्रेचर में बांध पुलिस गाडी से टोचन कर डेढ़ किलोमीटर तक घसीट कर ले जाया गया है। घटना मंगलवार के रात की है।
ट्रक की चपेट में आने से सीसीएल कर्मी की हो गई थी मौत
सीसीएल कर्मी रामेश्वर राम ड्यूटी खत्म करने के बाद बाइक से अपने दोस्त के साथ घर लौट रहे थे। इसी बीच मांडू थाना क्षेत्र अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय के निकट एनएच 33 (4/6) लेन चौराहा पार करते समय उनकी बाइक एक ट्रक की चपेट में आ गई। हजारीबाग से रामगढ़ की ओर ट्रक काफी तीव्र गति से आ रहा था। घटनास्थल पर ही रामेश्वर राम की मौत हो गयी।
पुलिस बोली, अस्पताल से नहीं मिली एंबुलेंस
मांडू पुलिस थाने का कहना है कि मांडू सामुदायिक स्वास्थ्य
केंद्र से एम्बुलेंस की मांग की गई थी। लेकिन सीएचसी ने जब एम्बुलेंस नहीं दिया तो
पुलिस ने स्ट्रेचर से शव को बांध उसे गाडी से टोचन कर घसीटते हुए थाने पहुंचाया
गया।
अस्पताल प्रभारी बोले, सरकार ने नहीं दिया चालक
इधर, स्वास्थ्य केंद प्रभारी का कहना है कि जिला प्रशासन ने सीएचसी
को डेढ़ वर्ष पहले ही एम्बुलेंस मुहैया कराया है। लेकिन न चालक ही मिला है, और न उसके संचालन के लिए कोई फंड और गाइडलाइन ही मिली है। जिसकी वजह से
सीएचसी एम्बुलेंस नहीं दे पायी।