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जम्मू-कश्मीर में कुछ बड़ा होने वाला है! गुरुवार को पीएम राजनीतिक दलों से करेंगे मुलाकात

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

जम्मू कश्मीर को लेकर सियासी हलचल तेज है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। ये बड़ा फैसला क्या हो सकता है फिलहाल इसे लेकर अटकलें ही लगाई जा रही हैं। इस चर्चा की वजह ये है कि गुरुवार को पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि ये मुलाकात जम्मू-कश्मीर के मसले पर होगी। 

जम्मू-कश्मीर में होगी राजनीतिक प्रक्रिया की शुरुआत
राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि आखिर जम्मू-कश्मीर को क्या मिलने जा रहा है। एक समाचार वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पर उठाए जाने वाले अगले फैसले की तैयारी में लगे अधिकारी ने कहा कि पीएम के फैसले की प्रक्रिया अभी शुरुआती दौर में है। अधिकारियों का कहना है कि पांच अगस्त 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर राजनीतिक तौर पर अस्थिर है। पीएम चाहते हैं कि वहां लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया का समर्थन करने वालों की विश्वसनीयता सुनिश्चित की जाये। राजनीतिक दलों को अलगाव वादियों ने अस्थिर करने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। 

अभी दो केंद्र-शासित प्रदेशों में विभक्त है जम्मू-कश्मीर
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 2018 से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। इस साल भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा मुफ्ती वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ लिया था। केंद्र ने साल 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्ज छीन लिया था। जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाटं दिया गया था। 


घाटी में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति नियंत्रित
जम्मू-कश्मीर को लेकर आगामी फैसले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि घाटी में इस समय कानून-व्यवस्था औऱ सुरक्षा की स्थिति नियंत्रण में है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करने का ये सही वक्त है। अधिकारियों ने कहा कि यदि सरकार और चुनाव आयोग चुनाव करने का फैसला करते हैं तो अधिकारी सहायता करने की स्थिति में होंगे। वहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल हो सकेगी। 

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध
कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका फैसला कब किया जायेगा फिलहाल इसकी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। कहा जा रहा है कि पूरी प्रक्रिया का पालन किया जायेगा। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम नने जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। मौजूदा अधिनियम में संसोधन करने के लिए संसद की मंजूरी बेहद जरूरी होगी। जम्मू कश्मीर के भविष्य को लेकर केंद्र का कोई भी फैसला परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर भी निर्भर करता है। राज्य में निर्वाचन क्षेत्र के परिसीम के लिए 6 मार्च 2020 को गठित पैनल ने इस साल मार्च में विस्तार दिया था।