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रांची: OBC आरक्षण मंच की चेतावनी, मांगों पर विचार नहीं किया तो राजधानी में होगा उलगुलान! 

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

शुक्रवार 13 अगस्त को झारखंड ओबीसी आरक्षण मंच के केंद्रीय अध्यक्ष कैलाश यादव के नेतृत्व में हरमू बाईपास रोड डिब्दीह स्थित चोकनी रेस्टुरेंट में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर राज्यहित और जनहित में घोषणा पत्र या संकल्प पत्र का बुकलेट जारी किया गया। 

सरकार से मंशा स्पष्ट करने की भी मांग की
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ओबीसी मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आगाह किया कि सरकार के कार्यकाल के लगभग 20 महीने हो गए, लेकिन बेहद दुखद विषय यह है कि ओबीसी का आरक्षण सीमा 14 से 27 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति को 10 से 15 फीसदी बढ़ाने एवं निजी क्षेत्रों में 75 फीसदी तथा जातीय जनगणना करने को लेकर एक बार भी अधिकृत बयान नहीं दिया। ओबीसी मंच सरकार की मंशा स्पष्ट करने की मांग करता है। 

अब तक इन नेताओं को दिया जा चुका है ज्ञापन
कैलाश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री इस संवेदनशील विषयों के संदर्भ में ओबीसी आरक्षण मंच ने एक रणनीति के तहत सरकार में शामिल महागठबंधन सरकार के मंत्री रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता स्पीकर रविन्द्र नाथ महतो, विपक्ष के आजसू विधायक सह पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो, विधायक दीपिका पांडेय, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राजद महासचिव झारखंड प्रभारी जयप्रकाश नारायण यादव को मिलकर ज्ञापन दिया गया है।  18 अगस्त को कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह को भी दिल्ली में ज्ञापन दिया जायेगा। 

राज्य के लिए संवेदनशील है ओबीसी का विषय
कैलाश यादव यादव ने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से उपयुक्त विषयों के सम्बन्ध में आपको अवगत कराना चाहता हूं कि वर्ष 2000 में अलग झारखंड राज्य बनने के बाद राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में गठित सरकार ने वर्ष 2002-03 में पूर्व से संवैधानिक व्यवस्था के तहत प्राप्त OBC को 27 % एवं SC को 15 प्रतिशत आरक्षण से कटौती कर OBC को 14 % एवं SC को 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इस संदर्भ में ओबीसी आरक्षण मंच का स्पष्ट तौर पर कहना है कि इस निर्णय के उपरांत राज्य भर में लगभग 65-70 फीसदी ओबीसी/अनुसूचित जाति वाले आबादी के लोगों में भारी आक्रोश  पैदा हो गया है।  यह विषय राज्य के लिए बेहद संवेदनशील है, इसलिए भेद भाव की नीति को समाप्त करने के लिए सरकार को ध्यान आकृष्ट कराने हेतु आपका हस्तक्षेप अति आवश्यक है।

आरक्षण OBC का मौलिक-संवैधानिक अधिकार
भारत के संविधान निर्माता व देश के प्रथम कानून मंत्री बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए OBC/SC/ST/Minorities का आरक्षण का मौलिक अधिकार प्राप्त के लिए हमारे प्रणेताओं को लंबे अरसे तक काफी कठिन संघर्ष करना पड़ा, तत्पश्चात यह अधिकार बहुसंख्य OBC SC ST Minorities को 50 प्रतिशत आरक्षण का संवैधानिक मान्यता मिल सका। बेहद दुख और अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि वर्ष 2000 में झारखंड राज्य निर्माण के उपरांत राज्य में भाजपा सहयोगी गठबन्धन दलों के नेता एवं तत्कालीन प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ओबीसी को 27 % से 14 % एवं अनुसूचित जाति को 15 % से 10 फीसदी आरक्षण में कटौती कर दिया गया। 

मांगे नहीं मांगी तो किया जाएगा उलगुलान
OBC आरक्षण मंच राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से आग्रह करता है कि इस महत्वपूर्ण विषयों के संदर्भ में अपनी चुप्पी तोड़े और सामाजिक एकता एवं ओबीसी और अनुसूचित जाति के समुचित विकास के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर अथवा आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्ताव पारित कर महागठबंधन सरकार द्वारा किए गए वादों को पूर्ण करे। अगर सरकार द्वारा आगामी विधानसभा सत्र में आरक्षण सीमा बढ़ाने का मामले को नजरअंदाज किया गया तो ओबीसी आरक्षण मंच उग्र आंदोलन की शुरुआत 8' सितम्बर को रांची में राज्यस्तरीय आरक्षण अधिकार महासम्मेलन कार्यक्रम के माध्यम से उलगुलान होगा। 

ये है ओबीसी आरक्षण मंच की प्रमुख मांग

1. ओबीसी को 14 % से 27 % एवं अनुसूचित जाति को 10 % से 15 फीसदी आरक्षण लागू कर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दे तथा निजी क्षेत्रों में नौकरी, पेशा में 75 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए !
2. राज्य सरकार स्वयं अपनी व्यवस्था से राज्य में जातिगत जनगणना कराए अथवा विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को अनुशंसा करे।

3. राज्य में परिसीमन के तहत विधानसभा का सीटें 150 की जाय तथा विधान परिषद का गठन करने हेतु प्रस्ताव पारित कर केंद को अनुशंसा करे।
4. राज्य में आवासीय और जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु स्थानीय नीति में सरलीकरण की जाय !
5 .आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य इलाज हेतु समुचित लाभ के लिए सभी तरह के राशन कार्डधारियों को मान्यता दी जाय।
6. सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थानों में OBC/SC/ST/Minorities के छात्र छात्राओं को निशुल्क नामांकन किया जाय।
7. राज्य में मेयर और जिला परिषद अध्यक्ष पद पर 27 % OBC के लिए सीट आरक्षित किया जाए तथा ST SC की भांति OBC को 27 फीसदी लोकसभा एवं विधानसभा की सीटें आरक्षित करने हेतु केंद्र सरकार को अनुशंसित करे।
8. स्वास्थ चिकत्सा आयोग,जनजातीय विकास निगम,विस्थापन आयोग एवं किसान आयोग का गठन किया जाय।
9. झारखंड से उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु अन्यत्र राज्यो/ विदेशो में पढ़ने वाले ST SC OBC Minorities के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति दिया जाय।