द फॉलोअप टीम, रांची:
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम के जमीन विवाद मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने मामले में जवाब पेश करने के लिए अदालत से समय देने का आग्रह किया। अदालत ने आग्रह को स्वीकार करते हुए समय दिया है। 5 अगस्त से पहले जवाब पेश करने का आदेश दिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी। मामले में किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने पर राज्य सरकार को रोक लगा दी गयी है। दी गई राहत को अगले आदेश तक के लिए जारी किया गया है। झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में यह सुनवाई हुई।
रजिस्ट्री रद्द करने का अधिकार डीसी को नहीं
डीसी ने जमीन की रजिस्ट्री को रद्द कर दिया। प्रार्थी के अधिवक्ता का कहना है कि जमीन की जो रजिस्ट्री रद्द की गई है उसका अधिकार डीसी के पास नहीं है। बता दें कि जमीन खरीद मामले में पूर्व में सांसद पत्नी के खिलाफ देवघर के स्थानीय थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उस एफआईआर को भी निरस्त करने की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में अनामिका गौतम ने याचिका दायर की थी। उस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट में उस एफआईआर को निरस्त करने का आदेश पूर्व में ही दिया है।
देवघर में जमीन खरीद से जुड़ा मामला
दरअसल निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम ने देवघर में जमीन ख़रीदा है। इस जमीन को उन्होंने अपनी कंपनी के नाम पर ख़रीदा है। इस जमीन की खरीद को गलत बताते हुए किरण सिंह विष्णुकांत झा ने डीसी ऑफिस में आवेदन दिया था कि रजिस्ट्री को रद्द कर दिया जाए क्योंकि ये जमीन उनकी है। अनामिका गौतम ने धोखाधड़ी की और फर्जी दस्तावेजों के जरिये जमीन खरीद ली।
वहीं बिष्णुकांत झा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि जमीन के लिये कम स्टांप ड्यूटी लगाई गयी जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ। शिकायत मिलने के बाद देवघर के उपायुक्त ने जमीन की रजिस्ट्री को रद्द कर दिया था। इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गयी थी जो कि अभी तक लंबित है।