द फॉलोअप टीम, रांची:
मधुपुर विधानसभा सीट में हुए उपचुनाव का परिणाम 2 मई को आया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी हफीजुल हसन अंसारी ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गंगा नारायण सिंह को पांच हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया। कहा जाता है कि गंगा नारायण सिंह की उम्मीदवारी के पीछे गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे का बड़ा हाथ था। गंगा नारायण सिंह निशिकांत दूबे के करीबी माने जाते हैं। चुनाव परिणाम पर पहली बार निशिकांत दूबे की प्रतिक्रिया सामने आई है।
कोरोना से लड़ने में ताकत लगाएं कार्यकर्ता!
गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे ने फेसबुक पोस्ट के जरिए प्रतिक्रिया दी है। निशिकांत दूबे ने लिखा कि "खूब लड़ा गंगा, मधुपुर विधानसभा के चुनाव में 1 लाख से ऊपर भाजपा ने पहली बार लाया है। भाजपा को मधुपुर में गंगा नारायण वो संजय यादव के तौर पर दो नेता मिला। मुझे रणधीर और नारायण जी जैसे लोगों के लिए एक ताकत, भविष्य अपना है। कार्यकर्ताओं को अपनी ताकत कोरोना से लड़ने में लगाना है। चुनाव की चर्चा में नहीं फंसना है"। इस बीच गंगा नारायण सिंह ने कहा कि मैं हारा नहीं बल्कि हराया गया हूं। उनका संदर्भ शायद राज पालिवार की तरफ था।
हफीजुल हसन अंसारी ने जीत लिया चुनाव
गौरतलब है कि मधुपुर सीट से विधायक रहे हाजी हुसैन अंसारी का नवंबर 2020 में निधन हो गया था। उनके निधन से सीट खाली हो गयी जिस पर 6 महीने में चुनाव करवाना जरूरी था। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यहां से बड़ा दांव चलते हुए दिवंगत हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हफीजुल हसन अंसारी को प्रत्याशी बनाया। इससे पहले हफीजुल हसन अंसारी को बतौर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शपथ दिलाई गयी। भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार प्रत्याशी रहे राज पालिवार का टिकट काटा और गंगा नारायण सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया। गंगा नारायण सिंह 2019 में आजसू के उम्मीदवार थे।