द फॉलोअप टीम, साहिबगंज:
झारखंड के साहिबगंज जिले के खनन व्यवसासियों में हड़कंप मचा हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) की टीम साहिबगंज का दौरा करने वाली है। गौरतलब है कि एनजीटी के दौरे की जानकारी मिलते ही जिले में अवैध माइंस क्रशर प्लांट्स में मुर्दा शांति छा गई है। गौरतलब है कि टीम इलाके की फिजिकल जांच करेगी और एनजीटी के शीर्ष अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेगी। काफी समय से जिले में अवैध खनन की शिकायत मिलती रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने डाली थी याचिका
गौतलब है कि साल 2018 में सामाजिक कार्यकर्ता अरशद नसर ने राजमहल की एतिहासिक पहाड़ियों में अवैध क्रशर, माइंस से बचाने और विलक्षण फॉसिल्स, जीव जंतु, प्राकृतिक झरना, पेड़-पौधे, कीमती जड़ी बुटियां, प्राकृतिक और धार्मिक धरोहर के संरक्षण के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। एनजीटी ने मामले में संज्ञान लिया। एनजीटी कोर्ट ने मामले में डीसी संदीप सिंह, एसपी और मौजूदा जिला खनन पदाधिकारी पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
एनजीटी की टीम जल्द साहिबगंज आएगी
मामला दिल्ली तक पहुंच चुका है। एनजीटी कोर्ट ने हाई-प्रोफाइल टीम का गठन किया है। टीम जल्दी ही साहिबगंज आने वाली है। जिला प्रशासन मामले में पूरी तरह से अलर्ट है। जानकारी मिली है कि जिले के पत्थर व्यवसासियों ने काम बंद कर दिया है। गौरतलब है कि एनजीटी यहां अवैध माइंस, क्रशर और प्रोडक्शन को लेकर जांच करेगी। ये पहली बार है जब टीम इलाके में फिजिटल टेस्टिंग करेगी। जांच के बाद टीम अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंप देगी।
साहिबगंज के इन प्रखंडों में होता है अवैध खनन
गौरतलब है कि साहिबगंज जिले में मौजूद राजमहल की पहाड़ियों में काफी वर्षों से अवैध खनन किया जा रहा है। राजमहल की पहाड़ियों से पत्थर निकालकर उसे छोटे जहाजों और बड़ी नावों के जरिए पश्चिम बंगाल या बिहार निर्यात किया जाता है। साहिबगंज जिला के राजमहल, मंडरो, भगैया, मिर्जाचौकी, जिलेबिया घाटी, तालझारी, महाराजपुर आदि में सैकड़ों अवैध खदान है। यहां दिन-रात अवैध तरीके से पत्थऱ का खनन किया जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पत्थर व्यवसायियों को राजनीतिक संरक्षण हासिल है इसलिए कार्रवाई नहीं होती।