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कोरोना की तीसरी लहर जल्द देगी दस्तक! तेजी से फैलता जा रहा है वायरस का नया स्ट्रेन

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

वैश्विक महामारी कोरोना से लंबी जंग के बाद जब लोग राहत की सांस लेना शुरू ही कर रहे थे कि नये स्ट्रेन की खबर ने नींद उड़ा दी है। मिली जानकारी के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सावना में कोरोना का नया वैरिएंट मिला है जिसे नाम दिया गया है बी.1.1529। वैज्ञानिकों ने इसको मेयोक्राएन भी नाम दिया है। इस स्ट्रेन के बारे में कहा जा रहा है कि ये पुराने डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा तेजी से म्यूटेशन करता है। 

डेल्टा के बाद अब इस स्ट्रेन का खतरा
कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट ने क्या तबाही मचाई थी ये दुनिया देख चुकी है। ब्रिटेन के चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का नया वैरिएंट एक स्पाइक प्रोटिन है जो कोरोना वायरस के मूल स्वरूप से बिलकुल अलग है। वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट की तुलना में इसमें काफी तेजी से म्यूटेशन होता है। फिलहाल दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सावना में इससे संक्रमित लोग पाये गये हैं। ये स्ट्रेन कितना खतरनाक हो सकता है इसको लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। चलिए जानते हैं कि चिकित्सक क्या कहते हैं।

चिकित्सकों की इस बारे में राय क्या है
सफदरजंग अस्पताल के मेडिसीन विभाग के एचओडी डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि कोरोना का वायरस लगातार अपने रूप बदलता रहता है। यही वजह है कि इसका नया-नया वैरिएंट सामने आता है। उन्होंने कहा कि भारत में नये वैरिएंट को लेकर चिंता की बात नहीं है। इसकी वजह ये है कि देश में अधिकांश लोग संक्रमित हो चुके हैं। वैक्सीनेशन भी तेजी से हो रहा है। अधिकांश लोगों में एंटीबॉडी बन गयी है। हालांकि देखना होगा कि इसका प्रभाव कितना या कैसा होता है। ज्यादा आशंका उन लोगों के संक्रमित होने की है जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है। 

नये स्ट्रेन के बारे में कुछ भी कहना जल्दीबाजी
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिसीन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. निश्चिल का कहना है कि फिलहाल नये स्ट्रेन के बारे में कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी। देखना होगा कि दुनिया के जिन देशों में ये फैला वहां कितना असर डाल रहा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। 

नया स्ट्रेन का पता लगाने को ट्रेसिंग बढ़ाना जरूरी
चिकित्सकों का मानना है कि नये स्ट्रेन का पता लगाने के लिए ट्रेसिंग बढ़ाना होगा, अधिक से अधिक लोगों की जांच करनी होगी। जो लोग संक्रमित पाये जाते हैं उनके सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजना होगा। जिन लोगों में कोरोना के नये स्ट्रेन का पत चलता है उनको आईसोलेट करना होगा। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि दक्षिण अप्रीका, हांगकांग या बोत्सावना से आने वाले लोगों की संख्ती से जांच की जाये। इस बीच ब्रिटेन ने अफ्रीका सहित 6 देशों की उड़ान पर रोक लगा दी है। ये काफी खतरनाक है।