द फॉलोअप टीम,सरायकेला:
किसी भी कल-कारखाने के लिए सबसे पहले जमीन की जरूरत पड़ती है। सबसे पहले जमीन का मामला सुलझाया जाता है ताकि आने वाले समय में किसी भी तरह का सवाल ना उठाया जाए। बार-बार जमीन की चर्चा इसलिए क्योंकि सरायकेला में पाॅॅवर रिसोर्सेज केे नाम पर लगभग डेढ़ हजार एकड़ अवैध जमीन पर प्लांट जो खुला है, उसमें कुछ जमीन कब्जे की कही जा रही है।
रैयतों से सीधे ली गयी कुछ जमीन
इस कंपनी की कुछ जमीन रैयतों से सीधे ली गयी है और कुछ सीएनटी एक्ट की धाराओं के तहत प्रक्रिया का पालन करके ली गयी है। लेकिन अभी भी कई ऐसे परिवार हैं, जिनका आरोप है कि सीएनटी की जमीन कंपनी ने गलत तरीके से छीन ली गई है। कंपनी ने अपना सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा जिस जमीन पर बैठाया है, वह सरकार की जमीन है। बताया जा रहा है कि इस जमीन को न तो लीज पर लिया है और न ही सरकार के साथ उसका कोई समझौता है। कंपनी ने कुछ सरकारी जमीन की लीज पर लेने के लिए आवेदन किया है,पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिना सरकार की अनुमित के आधुनिक पावर ने सरकारी जमीन पर प्लांट लगाया कैसे ?
झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर
जब रैयतों से जमीन लेना था उस वक़्त कंपनी ने कई वादे किये थे। कहा गया था कि हर घर से किसी को नौकरी दिया जायेगी। विस्थापितों तथा आसपास के ग्रामीणों के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा, नयी आवासीय कॉलोनी का निर्माण तथा बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल आदि खोलने की बात थी। लेकिन कंपनी की तरफ से कुछ नहीं किया गया। इस कारण आये दिन कंपनी के गेट पर विरोध-प्रदर्शन होता रहता है। लोगो की ओर से 2016 में झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है।याचिका में प्रार्थियों ने कंपनी को दी गयी जमीन वापस करने की मांग की थी।