गोपी कुमार सिंह, लातेहार:
लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत परहाटोली पंचायत के निःसंतान व बीमार दंपत्ति सरकारी सुविधा की आस में तंगहाली में जीवन जीने को विवश हैं। गौरतलब है कि परहाटोली के रहने वाले 68 वर्षीय रामदेव नागेसिया अज्ञात बीमारी से ग्रसित है। पत्नी 60 वर्षीय फूलो देवी पिछले 4 वर्षों से देख पाने में असमर्थ है। पत्नी फूलो देवी का सारा बोझ पति के सिर पर है। सुबह उठते ही पति रामदेव अपनी पत्नी को शौच के लिये घर से दूर नदी ले जाते है।
किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला
चूंकि घर मे सरकार की तरफ से अब तक शौचालय मुहैया नहीं कराया गया है। रामदेव नगेसिया के पास सिर्फ आधार कार्ड है, जबकि पत्नी के पास आधार कार्ड भी नहीं है। इसकी वजह से उन्हें सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। पेंशन, राशन और आवास सहित कई तरह की सुविधाओं से ये दंपत्ति वंचित है। ग्राम सभा और पंचायती राज ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को अधिकारियों तक पहुंचाते हैं। बावजूद इसके प्रखंड मुख्यालय से सटे गांव की ये दुर्दशा है।
वृद्धा पेंशन के आवेदन पर सुनवाई नहीं की गई
रामदेव नगेसिया के पास रहने को घर तक नहीं हैं। वे किसी दूसरे के घर में रहकर अपना जीवन किसी हाल में गुजार रहे हैं। जानकारी के अनुसार रामदेव नगेसिया ने वृद्धा पेंशन के लिये पंचायत के मुखिया को आवेदन दिया था लेकिन उनका पेंशन शुरू नहीं हो पाया है। दंपत्ति शारीरिक रूप से अपाहिज तो हैं ही वे सरकारी लाभ से भी पूरी तरह से वंचित हैं। निःसंतान दंपत्ति फूलो देवी व रामदेव नगेसिया सरकारी लाभ के लिए डीसी अबू इमरान से फ़रियाद कर रहे हैं।
नगेसिया दंपत्ति की हालत सरकारी दावों पर तमाचा
अब सवाल ये कि अगर ऐसे लाचार लोगों तक सरकार से सुविधाएं नहीं पहुंच रही है तो इसके जिम्मेदार कौन लोग है। क्यों बड़ी आसानी से ये कह दिया जाता है कि गांव के अंतिम पॉयदान पर बैठे गरीब, बेसहारा, असहाय लोगों तक सरकार सुविधा का लाभ पहुंचा रही है। रामदेव नगेसिया और उनकी पत्नी फूलो नगेसिया का हाल दावों पर करारा तमाचा है।