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बंधुआ मजदूरी का दंश झेल चुका पलामू अब मानव तस्करी से बेहाल, असेंबली में उठेगा मामला

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द फ़ॉलोअप टीम, पलामू:
कभी बनधुआ मजद्दोर के लिए बदनाम पलामू अब मानव तस्करी का गढ़ बन गया है। पलामू में कभी 90 के दशक में लोकसभा और विधानसभा में पलामू का मनातू के इलाके का बंधुआ मजदूरी का मामला उठा था।  करीब 3 दशक के बाद मनातू के इलाके की चर्चा फिर से विधानसभा में उठने वाली है। आगामी मानसून सत्र 3 सितम्बर से शुरू होने वाला है। पाकी विधानसभा के विधायक डॉ. शशि भूषण मेहता मानव और बाल तस्करी का मामला आगामी मानसून सत्र में विधानसभा में उठाएंगे।  डॉ. शशि भूषण मेहता ने बताया कि मनातू समेत पूरे पलामू में मानव और बाल तस्करी का मामला बहुत गंभीर समस्या बन चुकी  है। पलामू के मनातू, चैनपुर, तरहसी, पिपराटांड़, पांकी के इलाके में मानव तस्कर गिरोह सक्रिय है। और यह एक दिन का मामला नहीं है, वर्षो से ऐसा होते आ रहा है। विधयाक ने कि  एक खास गिरोह सक्रिय है और सभी को बिहार के रास्ते बाहर के राज्यों में भेजा जा रहा है।  तस्करों पर मामला दर्ज है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।  उन्होंने बताया कि विधानसभा के आने वाले सत्र में वह पूरे मामले को उठाएंगे और कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे।     

 

तस्करी कर बाहर के राज्यों में भेजा जा रहा है 
पलामू  बिहार से सटा हुआ है। यहां से बिहार जाने के कई रस्ते हैं और यही तस्करो के लिए वरदान साबित हो रहा है। कभी तस्कर पाकी से बिहार के गया के रास्ता लेते हैं तो कभी हरिहरगंज ब्लॉक से बिहार के औरंगाबाद का।  बच्चों को दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, यूपी समेत कई राज्यों में भेजा जा रहा है। पलामू के मनातू, चैनपुर, तरहसी, पिपराटांड़, पांकी के इलाके में यह गिरोह सक्रिय है। बिहार का गिरोह बच्चों को बहला फुसलाकर या परिजनों को लालच देकर मजदूरी के लिए बाहर के राज्यों में ले जा रहा है।