logo

सर्वाइकल कैंसर से माँ-बहन को बचाना बहुत जरूरी-बन्ना गुप्ता

15568news.jpg

द फॉलोअप टीम, रांची:

स्वास्थ्य बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम सबों को माँ के कोख के महत्त्व को समझना चाहिए क्योंकि हम सब इसी कोख से जन्मे हैं। इसलिए माँ-बहन को बचाना बहुत जरुरी है। माँ सृजन कर्ता होती है, हमारे वैज्ञानिक रक्त की एक बूंद नहीं बना सके। पुरुषों के साथ सम्बन्ध सर्वाइकल कैंसर का बड़ा कारण होता है। पुरुषों का यह कर्तव्य है की घर की महिलाओं का सही समय पर जाँच कराएँ।  सहिया बहनों की कम मासिक भत्ता की शिकायत से भी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया गया है। साहियाओं ने कोरोना काल में भी बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा की वह राज्य के सरकारी अस्पतालों के द्वारा प्रजनन क्षमता वाली वैसी 6% महिलाओं जो हाई-रिस्क कैटेगरी और संभावित लक्षण वाली हैं उनकी सर्वाइकल कैंसर की जाँच और इलाज सुनिश्चित करवायेंगे। उक्त बातें मंत्री ने मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर एवं सरकारी स्त्री रोग चिकित्सकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन अवसर पर कही। बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय आई. एम. ए. के अध्यक्ष डॉ. जे. ए. जयालाल भी मौजूद रहे।

 

झारखंड के 11 सदर अस्पतालों में सर्वाइकल कैंसर की जाँच मशीन लगाने में सफल: डॉ. भारती कश्यप

वीमेन डॉक्टर्स विंग आई.एम.ए. झारखण्ड की अध्यक्ष डॉ. भारती कश्यप ने कहा कि 2015 में जब हमने सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान वीमेन डॉक्टर विंग आईएमए झारखंड के बैनर तले पूरे झारखंड में शुरू किया। झारखण्ड के 23 सदर अस्पताल में से 11 सदर अस्पतालों में हम सर्वाइकल कैंसर की जाँच एवं उपचार की मशीन लगाने में सफल भी हुए और मैंने खुद रांची सदर अस्पताल में अपने वित्तीय सहयोग से इस मशीन को लगाया। आज रातू के कैंप में हम इसी मशीन को लेकर आयें हैं और इसी मशीन के माध्यम से कई महिलाओं को आज इस कैंप में नया जीवन मिल रहा है। कई बार अमेरिका, दिल्ली और कोलकाता के कैंसर स्त्री रोग विशेषज्ञ से सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षण भी दिलवाया। अगर हम प्रजनन क्षमता वाली महिलाओं की जनसंख्या के हई-रिस्क केटेगरी एवं लक्षण वाली 6% महिलाओं की स्क्रीनिंग पूरी कर लें तो सर्वाइकल कैंसर को हम प्री-कैंसर की स्टेज में हीं पकड़ लेंगे और क्रायो उपचार के द्वारा उसे ठीक किया जा सकता है। इस तरह हम 1 साल में सर्वाइकल कैंसर पर अपने राज्य में रोक लगा सकेंगे बशर्ते कि हर महीने लगातार पूरे राज्य के सरकारी अस्पताओं में चल रही स्क्रीनिंग की समीक्षा हो। पूरे राज्य की सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग में प्रजनन क्षमता वाली वैसी 6% महिलाओं को शामिल करना जरुरी है जो हाई-रिस्क कैटेगरी और संभावित लक्षण वाली हैं। यह संख्या 270000 है यानी कि तीन लाख के करीब और रांची की 22000 के करीब है।

 

18 परिवारों को मिला नया जीवन

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली की प्रशिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कनिका गुप्ता की टीम ने महिला मरीजों की जाँच की। झारखण्ड की 40 सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों को सर्वाइकल प्री-कैंसर की डिजिटल वीडियो कॉलपोस्कॉप से जाँच एवं क्रायो से उपचार का प्रशिक्षण भी प्रदान कराया। शिविर में आने वाली सभी महिलाओं को 1 महीने की आयरन फोलिक एसिड एवं एवं कैल्शियम की गोलियां मुफ्त बांटी गयी। जननांग से सफ़ेद स्त्राव यानी कि लुकोरिया से ग्रसित सभी महिलाओं को Kit 2 एवं Kit 6 की गोलियां मुफ्त में बांटी गयी। 18 महिलाओं में सर्वाइकल प्री-कैंसर पाया गया जिन्हें कैंप स्थल पर ही कोल्पोस्कोप गाइडेड क्रायो ट्रीटमेंट दे कर उन्हें कैंसर से मुक्त किया गया। इन में से 8 महिलाओं में सर्वाइकल पॉलिप मिला जिसे हटाने के लिए उन्हें सदर हॉस्पिटल रांची में बुलाया गया।

कैंप में कुल 250 मरीजों की जाँच
कैंप में कुल 250 मरीजों की जाँच की गई। इन में से 8 महिलाओं में सर्वाइकल पॉलिप मिला जिसे हटाने के लिए उन्हें सदर हॉस्पिटल रांची में बुलाया गया है, 1 महिला में सर्वाइकल कैंसर स्टेज 3 पाया गया जिसे रेडिओ थेरेपी के लिए रेफेर किया गया, 18 महिलाओं में सर्वाइकल प्री-कैंसर पाया गया जिन्हें कैंप स्थल पर ही कोल्पोस्कोप गाइडेड क्रायो ट्रीटमेंट दे कर उन्हें कैंसर से मुक्त किया गया। शिविर में आई 40% महिलाओं को जननांग संबंधी इन्फेक्शन पाया गया जिन्हें Kit 2 एवं Kit 6 की गोलियां मुफ्त में बांटी गयी तथा शिविर में आई सभी महिलाओं को 1 महीने की आयरन फोलिक एसिड एवं एवं कैल्शियम की गोलियां मुफ्त बांटी गयी।

रांची को सर्वाइकल कैंसर मुक्त करने के लिए बनी योजना 
सदर अस्पताल हर महीने की 9 तारीख को हम प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना के तहत सहिया के द्वारा लक्षण वाली एवं हई-रिस्क कैटेगरी की महिलाओं को चिन्हित कार रांची सदर अस्पताल में बुलाकर उनकी कोलपोस्कोप से वाया स्क्रीनिंग की जाएगी और जरूरत पड़ने पर क्रायों से उपचार भी किया जाएगा। इस योजना के तहत ₹100 का मानदेय भी साहियाओं को दिया जाता है जिससे से उन्हें आने जाने में को सहूलियत हो।