द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंडी मुसलमानों के अधिकारों के सवाल पर आज आमया संगठन की बैठक शिब्ली एकेडमी रांची में हुई। संगठन के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि महागठबंधन सरकार बने 22 महीने होने को है लेकिन घोषणा पत्र में शामिल अल्पसंख्यकों के अधिकार, रोजगार, शिक्षा और विकास से जुड़े एक भी एजेंडों को पूरा नही किया गया, इस बीच लगातार राज्य की तीसरी बड़ी आबादी अपनी मांगें सरकार को अवगत कराते रही है, केन्द्र सरकार द्वारा संचालित अल्पसंख्यक विकास योजनाओं की राशि भी राज्य द्वारा प्रस्ताव नही भेजे जाने के कारण दो वित्त वर्ष से नहीं मिली। अल्पसंख्यक आयोग को न्यायिक अधिकार, वक्फ बोर्ड, हज कमेटी, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम को संवैधानिक अधिकार और ढांचेगत सुविधाओं पर कोई चर्चा तक नहीं,
माॅबलींचिग प्रभावित परिवारों को न्याय और मुआवजा देने, आलिम एवं फाजली की परीक्षा विश्वविद्यालय से कराने का कोई पहल नहीं, प्रारम्भिक विधालय के रिक्त 3710 उर्दू शिक्षकों के पद पर बहाली, +2 विधालयों में उर्दू शिक्षक के पद सृजित करने, उर्दू भाषा लिपि में किताबें, सिलेबस और शिक्षा देने के लिए कोई निर्णय नहीं हो सका है।
उर्दू मिलन समारोह 17 अक्टूबर को
ऐसे कई अहम सवालों को लेकर 17 अक्टूबर रविवार को अंजुमन इस्लामिया मुसाफिरखाना में 11 बजे से उर्दू मिलन समारोह का आयोजन किया गया है। बैठक का संचालन नौशाद आलम ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अफताब आलम ने किया।
बैठक को मो. फुरकान, अफताब अंसारी, अब्दुल बारीक, आसिफ रूहहुल्लाह, मंजूर अंसारी, तहमीद अंसारी, इकराम अंसारी, सुब्हान अंसारी, शाकिर अंसारी, जुनैद अंसारी, तौसीफ़ अंसारी, तस्लीम अंसारी, मो. आदिल और अफसर अंसारी आदि अपनी बातें रखी।