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अंजुमन सदर इबरार अहमद बोले, मुसलमानों को मोहरा बनाकर साधा जा रहा राजनीतिक स्वार्थ 

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द फॉलोअप टीम, रांची:

अंजुमन इस्लामिया रांची के अध्यक्ष इबरार अहमद ने कहा कि मुसलमानों को मोहरा बनाकर राजनीतिक स्वार्थ साधा जा रहा है। इन्हें ग़ैर-जरूरी मुद्दों में उलझा कर पूरे समाज को दिगभ्रमित किया जाता है। भेदभाव पैदा करने की कोशिश करते हुए आपसी सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया जाता है। कुछ राजनीतिक पार्टी की पूरी राजनीति ही मुस्लिम विरोध पर केन्द्रित है। परन्तु जो सेकुलर पार्टियां हैं वे भी मुस्लिम समाज की बुनियादी समस्याओं के समाधान की दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं कर रही हैं। झारखंड गठन के बाद से आज तक केवल मुसलमानों को राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल किया गया है। इबरार आज अंजुमन प्‍लाजा स्‍थित रहमानिया मुसाफिरखाना सभागार में एक संगोष्‍ठी की अध्‍यक्षता कर रहे थे। आयोजन मुस्लिम एसोसिएशन फॉर जस्टिस लिटरेसी एण्ड सोशल एवारनेस (मजलिस) नामक संगठन ने किया था।

 

 

आमया के अध्‍यक्ष एस अली ने मौके पर अंजुमन इस्लामिया की मांग को दोहराया कि मौलाना आजाद के नाम पर कल्चरल एण्ड एजुकेशनल सेंटर के लिए झारखंड सरकार को पांच एकड़ जमीन की व्‍यवस्‍था करनी चाहिए। आर्यन हेल्पलाइन के मून ने मॉबलिंचिंग में मारे गए लोगों के परिजनों को उचित मुआवजा नहीं मिलने और दोषी अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने का सवाल उठाया। मौके पर मौलाना तौफ़ीक़ उल क़ादरी, इलियास मज़ीद, मतिउर्रह्मान, ज़फ़र कमाल, मो. खलील, गयासुद्दीन मुन्ना, हाजी नवाब, ज़ाहिद काजल, साजिद उमर, हैदर अली, मो. अफ्फान, मो. अख्तर, मोहम्मद सलाहुद्दीन, नूर हसन, शम्स कमर लड्डन, मोहम्मद परवेज़, मोहम्मद अख़्तर, मोहम्मद शाहिद, मो. मुस्तकीम आदि मौजूद थे। 

 

बैठक में उठी मांग 
-अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक वित्त निगम, वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, उर्दू अकादमी आदि का गठन किया जाए।----राज्य में गठित होने वाले बोर्ड, निगम, बीस सूत्री समितियों आयोग आदि जैसी संस्थाओं में अल्संख्यकों को आबादी के अनुपात में उचित प्रतिनिधित्व दी जाए।

-झारखंड में बुनकरों एवं कारीगरों को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रम एवं योजनाओं को सुचारू रूप से चलाया जाए। बुनकरों को सब्सिडी और अनुदान राशि दी जाए। 

-अल्पसंख्यकों के रोजगार, शिक्षण, प्रशिक्षण रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण एवं विकास के लिए विशेष कार्यक्रम चलाएं जाएं।

-झारखंड में सच्चर समिति एवं रंगनाथ समिति की अनुशंसाओं को लागू कर कार्यान्वित की जाए।

-छात्र-छात्राओं के लिए झारखंड के हर जिला मुख्यालय में छात्रावास का निर्माण कराया जाए। राजधानी रांची स्थान चिन्हित एवं आवंटित कर साहित्यक गतिविधियों के लिए गालिब भवन का निर्माण कराया जाए।

-मौलाना आजाद द्वारा निर्मित मदरसा इस्लामिया रांची का भवन एक सौ वर्षों से ज्यादा पुराना हो चुका है। भीड़ वाले व्यवसायिक क्षेत्र में होने के कारण अनेक समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। अतः मौलाना आजाद के यादगार शिक्षा एवं सांस्कृतिक केंद्र के लिए पांच एकड़ जमीन चिन्हित कर सरकारी भूमि आवंटित की जाए।

-झारखंड राज्य में स्थित वक्फ भूमि, संपत्ति एवं अंशदान से प्राप्त राशि का पार्दर्शितापूर्ण व्यापक समाज हित में उपयोग हो। अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों की मान्यता, स्थायीकरण एवं वित्तीय सहायता और यथासमय वेतन भूगतान किया जाए।

-मॉबलींचिंग घटनाओं की न्यायिक जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। मॉब लींचिंग के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जाए।