द फॉलोअप टीम, रांची:
एचईसी मैनेजमेंट और श्रमिक संगठनों की वार्ता विफल हो गई। इस बैठक में एचईसी सीएमडी डॉ. नलिन सिंघल, डायरेक्टर प्रशनल एमके सक्सेना, डायरेक्टर मार्केटिंग एंड प्रोडक्शन राण एस चक्रवती, डायरेक्टर फाइनांस अरूंधती पांडा, श्रमिक संगठन की ओर से हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन के नेता राणा संग्राम सिंह, हटिया मजदूर यूनियन के भवन सिंह, हटिया कामगार यूनियन के लालदेव सिंह, हटिया मजदूर लोक मंच के राम कुमार नायक, एचईसी श्रमिक संघ के वेद प्रकाश सिंह, एचईसी लिमिटेड कर्मचारी यूनियन के प्रकाश कुमार, बीएमस के नेता सहित अन्य उपस्थति थे।
मात्र 50 प्रतिशत वेतन देने को तैयार मैनेजमेंट
एचईसी प्रबंधन ने बैठक में श्रमिक संगठनों से कहा कि हड़ताल से कंपनी को नुकसान हो रहा है। मैनेजमेंट के प्रस्ताव को सभी श्रमिक संगठनों ने नकार दिया। श्रमिक नेताओं का कहना था कि अब कर्मचारी मानने वाले नहीं है। जबतक कर्मचारियों को बकाया वेतन का भुगतान नहीं होगा, तब तक कर्मचारी काम पर वापस लौटने वाले नहीं है। वहीं प्रबंधन ने कहा कि कर्मियों को एक माह का वेतन दिसंबर के अंत तक देने का प्रयास जारी है। 22 से 29 दिसंबर के बीच कर्मचारियों को एक माह का वेतन अगर नहीं दे पाएंगे, तो एक माह आधा यानी 50 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन इस प्रस्ताव को श्रमिक संगठनों ने ठुकरा दिया।
मैनेजमेंट ने नहीं बुलाई दूसरे दौर की वार्ता
सीएमडी ने कहा कि कंपनी की वर्तमान अर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है, बकाया वेतन देना संभव नहीं है। इस पर श्रमिक नेताओं ने कहा कि मैनेजमेंट एक माह का वेतन दे, बकाया वेतन का कब तक भुगतान होगा एक निर्धारित तिथि बताए, इस पर मैनेजमेंट द्वारा अपना पक्ष नहीं रखा गया। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच वार्ता बंद हो गई। मैनेजमेंट ने श्रमिक संगठनों को मुख्यालय में ही रुकने की बात कही जिससे दूसरे दौर की वार्ता हो सके। मगर मैनेजमेंट ने दूसरे दौर की वार्ता के लिए श्रमिक संगठनों को नहीं बुलाया, श्रमिक नेताओं के मुख्यालय से वैरंग वापस लौटना पड़ा।