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नसबंदी के बाद भी शख्स बन गया पिता, दो साल बाद मिली मुआवजा राशि

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द फॉलोअप टीम, धनबाद:
स्वास्थ्य विभाग धनबाद जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम चला रहा है। ताकि लोगों का छोटा परिवार हो सुखी परिवार हो लेकिन अक्सर देखा जाता है नसबंदी के बाद भी लोग पिता बन जाते हैं। ऐसी ही लापरवाही का एक मामला निरसा से आया है, पीड़ित का नाम अशोक पासवान है। करीब डेढ़ साल बाद स्वास्थ्य विभाग ने अपनी गलती स्वीकार की है। विभाग ने माना है कि उनकी तरफ से लापरवाही हुई थी। नसबंदी ठीक से नहीं हो पाई थी। 

 

30 हजार दिया गया मुआवजा

जिला प्रशासन के निर्देश पर शनिवार को अशोक को मुआवजा के तौर पर 30 हजार रुपए दिया गया। मामले ने तूल पकड़ा तो सिविल सर्जन कार्यालय ने निरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से नसबंदी के कागजात मांगे। आपरेशन करने वाले डाक्टर से बातचीत की। आपरेशन के समय का बीएचटी भी मांगा गया। इसके बाद पीडि़त की विशेषज्ञ डाक्टरों जांच कराई। जिसमें अशोक पासवान सही पाया गया। मेडिकल बोर्ड ने माना कि आपरेशन सफल नहीं हुआ था।

 

2020 में हुआ था नसबंदी

बता दें कि मार्च 2020 में अशोक ने निरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराई थी। लेकिन नसबंदी के बावजूद वह फिर से पिता बन गए। अशोक इससे परेशान हो उठे और स्वास्थ्य विभाग पर मुआवजा के लिए दावा कर दिया। दरअसल परिवार नियोजन असफल होने पर 30 हजार रुपये मुआवजा दिया जाता है। मेडिकल बोर्ड में पीडि़त का दावा सही पाया। इसलिए पीडि़त को 30 हजार रुपये मुआवजा दिया गया। अशोक के पहले से ही दो बच्चे थे।