द फॉलोअप टीम, कोलकाता:
भारतीय जनता पार्टी वरिष्ठ नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस ज्वॉइन कर ली। इस मौके पर यशवंत सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की खूब सराहना की। यशवंत सिन्हा ने ममता बनर्जी को फाइटर बताया।
कोलकाता में प्रेस कांफ्रेंस को किया संबोधित
यशवंत सिन्हा ने पार्टी ज्वॉइन करने के बाद कोलकाता में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। यशवंत सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस के वक्त एक दिलचस्प दावा किया। यशवंत सिन्हा ने बताया कि कांधार प्लेन हाइजेक के वक्त आतंकवादियों से भारतीय कैदियों को छुड़ाने के लिये ममता बनर्जी ने खुद को उनका बंधक बनाये जाने का ऑफर दिया था।
अटल बिहारी सरकार में शामिल थीं ममता
यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैंने और ममता बनर्जी ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में साथ काम किया था। उसी समय इंडियन एयरलाइंस के विमान को आतंकवादियों ने हाइजेक कर लिया और कांधार ले गये। इस समस्या से कैसे निपटा जाये, ये फैसला लेने के लिये कैबिनेट की बैठक बुलाई गयी।
बकौल यशवंत सिन्हा, कैबिनेट की बैठक में मौजूद ममता बनर्जी ने सुझाव दिया कि उन्हें कांधार भेज दिया जाये। वे वहां आतंकवादियों के पास बंधक के तौर पर रहेंगी इस शर्त पर कि वे सभी भारतीय नागरिकों को छोड़ देंगे। यशवंत सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी देश के लिये अपनी प्राणों का बलिदान करने तक को तैयार थीं।
कब हुआ था कांधार प्लेन हाइजेक कांड
चलिये आपको ये भी बताते हैं कि यशवंत सिन्हा जिस कांधार प्लेन हाइजेक का जिक्र कर रहे हैं वो क्या था। 24 दिसंबर 1999 की शाम को इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 ने नेपाल से दिल्ली के लिये उड़ान भरी। विमान में क्रू मेंबर्स के 15 सदस्य और 176 यात्री सवार थे। विमान का हथियारबंद आतंकवादियों ने हाइजेक कर लिया और पाकिस्तान की तरफ उड़ान भरने के लिये मजबूर किया।
इस बीच विमान कुछ समय के लिये ईंधन लेने अमृतसर हवाई अड्डे पर भी रूका। इंडियन एयरलाइंस विमान ने लाहौर एयरपोर्ट पर भी लैंड किया और इसके बाद अफगानिस्तान के कांधार चला गया। अहरणकर्ताओं ने भारतीय जेल में बंद तीन आतंकवादियों मसूद अजहर, उमर शेख और अहमद जरगर को छोड़ने की मांग की। आतंकवादियों ने 20 लाख अमेरिकी डॉलर की भी मांग की थी। तात्कालीन अटल बिहारी सरकार को भारतीय नागरिकों की जान बचाने के लिये आतंकवादियों की मांग माननी पड़ी थी।
असद मजहूर से जारी है सेना का संघर्ष
तीनों आतंकियों को रिहा कर दिया गया। इनमें से मसूद अजहर ने पाकिस्तान जाकर जैश ए मोहम्मद नाम का आतंकी संगठन बना लिया जिसने 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले को आईईडी ब्लास्ट का निशाना बनाया। इस हमले में सीआरएपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। बाद में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हवाई हमला करके भारतीय सेना ने इसका बदला लिया था।