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कोरोना से लड़ने के लिए देश में "कोविशील्ड" और "कोवैक्सीन" तैयार, राज्यों को मिलेंगे दोनों में से कोई एक ही टीके

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द फ़ॉलोअप टीम, दिल्ली
देश और दुनिया कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतज़ार कर रही है और अब लगता है यह इंतज़ार देश में खत्म होने होने वाला है।  बता दें की रविवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड और कोवैक्सिन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। कोविशील्ड के 7.5 करोड़ डोज वहीं कोवैक्सीन के 1 करोड़ डोज तैयार किये गए हैं। कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं। इससे पहले ही इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। भारत बायोटेक ने अभी यह भी नहीं बताया है कि यह कितनी असरदार है हालाँकि यह जरूर बताया है कि यह इस्तेमाल के लिए 100% सुरक्षित है। इस बीच दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दूसरा डोज लेने के 2 हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडीज डेवलप होंगी। आईसीएमआर के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव ने कहा कि अभी दुनिया में वयस्कों को ही टीका लग रहा है। बाद में 18 साल से कम उम्र वालों पर रिसर्च होगी, नतीजे आने पर इस आयु वर्ग के लोगों को टीका देने पर फैसला होगा।

कोवैक्सीन :इस स्वदेशी वैक्सीन का ट्रायल चल रहा, अभी नतीजे आने बाकी 
प्रो. बलराम भार्गव ने बताया, ‘यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। वायरस में अब तक जितने बदलाव हुए हैं यह सब पर काम करेगा। कितना प्रभावी है, यह अभी स्पष्ट नहीं। जानवरों पर हुए अध्ययन में यह पूरा प्रभावी रहा। पहले और दूसरे फेज में 800 लोगों को टीका दिया गया, उनमें से किसी को भी कोरोना नहीं हुआ। तीसरे फेज में जिन 22 हजार लोगों को टीका दिया गया, उनमें अब तक साइड इफेक्ट नहीं दिखा है। आखिरी नतीजे आने बाकी हैं।

कोविशील्ड : हाफ डोज 90 % वहीं दो फुल डोज 62% तक कारगर 
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया, ‘अभी हम टीका सिर्फ सरकार को देंगे। जब हमारे पास स्थायी लाइसेंस होगा, तब हम निर्यात भी कर सकते हैं, इसमें कोई परेशानी नहीं।’ ट्रायल में कोवीशील्ड का वॉलेंटियर्स को पहले हाफ फिर फुल डोज दिया गया। हाफ डोज 90% असरदार रहा। एक माह बाद फुल डोज दिया गया। जब दोनों फुल डोज दिए गए तो असर 62% रह गया। दोनों ही तरह के डोज में औसत प्रभावशीलता 70% रहेगी। 

ब्राज़ील कोवैक्सीन के 50 लाख डोज खरीदेगा 
भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन की दुनिया में डिमांड है। ब्राजीलियन एसोसिएशन ऑफ वैक्सीन क्लीनिक्स ने भारत बायोटेक के साथ समझौता किया है। इसके तहत ब्राजील को कोवैक्सिन के 50 लाख डोज दिए जाएंगे। हालांकि, इस पर अंतिम मुहर ब्राजीलियन हेल्थ रेग्युलेटर अन्विसा की अनुमति के बाद लगेगी।