द फॅालोअप टीम, रांची:
धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है, जिसका लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं, इस दिन सोना-चांदी और बर्तनों की खरीदारी होती हैं। इसके साथ ही शाम के समय भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है और इस दिन शाम को यमदेव के लिए दीपक जलाया जाता है। घर के दक्षिण दिशा की तरफ यम देव को दीपदान किया जाता है।
धनतेरस से शुरू होता है दीपावली का त्योहार
धनतेरस दिवाली के पहले दिन का त्योहार है.। धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी जिसे रूप चौदस कहा जाता है। इसके बाद दिवाली और फिर चौथे दिन गोवर्धन पूजा और आखिरी में भाई दूज का पर्व आता है।
धनतेरस पर खरीदें झाडू
हर वर्ष धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदने के साथ झाडू खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। इसके पिछे कि मान्यता है कि झाडू मां लक्ष्मी को बहुत प्रिय है और धनतेरस और दिवाली पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इससे मन प्रसन्न होता है और घर से सारी नाकारात्मकता दूर जाती है। इस कारण से हर साल धनतेरस पर झाडू खरीदने की प्रथा है।
धनतेरस में खरीदारी का शुभ मुहूर्त
सुबह- 6:06-11:31 (त्रिपुष्कार योग)
दोपहर–11:42-12:26(अभिजीत मुहूर्त)
शाम–06:18-08:14(वृषभ काल)
शाम–05:35-08:11(प्रदोष काल)
रात्रि– 11:16- 12:07(निशिता मुहूर्त)
मानयताओं के अनुसार धनतेरस पर सोना-चांदी और पीतल के बर्तन खरीदने से जीवन में कभी सुख और धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती ।