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कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं कॉमरेड कन्हैया कुमार ! प्रशांत किशोर के प्रयास तेज़

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द फॉलोअप टीम,  दिल्ली:
इधर के दशक में देश में कुछ युवा चेहरे अचानक  चर्चा में आए। इनमें जिग्नेश मावाणी, हार्दिक पटेल, उमर खालिद, शहला, डॉ कफील अहमद और कन्हैया कुमार। इनमें से पहले दो पर जातिवाद तो अंतिम चार पर देशद्रोह के आरोप भी लगे। लेकिन इनकी मास अपीलिंग इनके बोलने की शैली के सबब बनी रही। सबसे चर्चित रहे कन्हैया, जो जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं। बेगूसराय के रहने वाले कन्हैया ने 2019 में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ बेगूसराय से ही लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। लेकिन उनके प्रभाव से उनकी पार्टी भाकपा के वरिष्ठ नेता ही घबराते रहे हैं। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में अपना कार्यालय भी खाली कर दिया था। 

 

पहले जदयू  में जाने की रही चर्चा
इसी साल फरवरी में हैदराबाद में भाकपा की अहम बैठक में कन्हैया कुमार द्वारा पटना में की गई मारपीट की घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन पार्टी के 110 सदस्यों  में तीन को छोड़कर बाकी सभी ने कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने का समर्थन किया था। इससे कन्हैया की चर्चा कई बार दूसरे दल में जाने की होती रही है। कन्हैया कुमार ने जब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता अशोक चौधरी से मुलाकात की थी, तो तब भी उनके जदयू  में जाने  की चर्चा सियासी गलियारों में काफी हुई थी। हालांकि इसका कोई परिणाम नहीं निकला। 

राहुल से दो बार हो चुकी मुलाकात
अब चर्चा तेज है कि कन्हैया कांग्रेस का दामन थामने जा रहे हैं। इसमें प्रशांत किशोर अहम भूमिका निभा रहे हैं। राहुल गांधी से उनकी दो बार मुलाकात भी हो चुकी है। प्रशांत ने राहुल को समझाया है कि पुराने नेताओं का असर अब कांग्रेस में खत्म होता जा रहा है। वोकल यंग लीडर के रहने से युवाओं का झुकाव पार्टी की ओर बढ़ेगा। कन्हैया का भाषण देने का अंदाज वोटरों को लुभा सकता है।