द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
सीपीआई के पूर्व नेता और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये हैं। पार्टी में शामिल होने के बाद मीडिया से मुखातिब कन्हैया कुमार ने कहा कि आज का दिन एतिहासिक है। आज शहीद ए आजम भगत सिंह की जयंती है। लोग केवल शहीद होते हैं लेकिन भगत सिंह शहीद ए आजम कहलाये क्योंकि उन्होंने एक सोशलिस्ट भारत की कल्पना की थी। स्वाधीनता संग्राम का एक वाकया साझा करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि जब चंद्रशेखर आजाद इंडियन रिपब्लिकन एसोसिएशन की बैठक कर रहे थे तो भगत सिंह ने सुझाव दिया था कि क्यों ना हमारी पार्टी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन कहलाये। भगत सिंह का भारत ऐसा था जिसमें मजदूर औऱ किसान सत्ता में भागीदार हों।
बेगुसराय में वज्रपात की घटना का जिक्र किया
कन्हैया कुमार ने इस मौके पर बिहार की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे जिले बेगुसराय में वज्रपात से 2 बच्चियों की मौत हो गई है। मैं मृतकों के परिवार के प्रति दुख और संवेदना व्यक्त करता हूं। कन्हैया कुमार ने कहा कि मुझे बहुत कुछ बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि सूचना क्रांति के युग में मुझसे ज्यादा जानकारी मेरे पत्रकार साथियों के पास होती है। कन्हैया कुमार ने यहां मीडिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सवाल पूछने की परंपरा में आप लोगों ने इतना तो सम्मान रखा है कि कम से कम विपक्ष से सवाल पूछते हैं। कन्हैया कुमार ने बताया कि वो कांग्रेस पार्टी का हिस्सा कयों बन रहे हैं।
कांग्रेस देश की सबसे पुरानी लोकतांत्रिक पार्टी है
कन्हैया कुमार ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी इसलिए ज्वॉइन कर रहा हूं क्योंकि ये देश की सबसे बड़ी और पुरानी लोकतांत्रिक पार्टी है। उन्होंने कहा कि देश की सत्ता में इस वक्त एक ऐसी पार्टी काबिज है जिसने में वैचारिक चिंतन की नीति, मूल्य, गौरवशाली अतीत और वाद-विवाद की परंपरा को नष्ट कर दिया है। कन्हैया कुमार ने कहा कि यदि ऐसी ताकत से लड़ना है तो देश की सबसे पुरानी और विशाल लोकतांत्रिक पार्टी का बचा होना जरूरी है। कन्हैया कुमार ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रहा हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यदि कांग्रेस पार्टी नहीं बची तो ये देश नहीं बचेगा। कन्हैया कुमार ने कहा कि जब मैं कांफ्रेंस हॉल में राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी का फॉर्म भर रहा था तो मैंने उनको महात्मा गांधी, भगत सिंह और भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा भेंट की क्योंकि इस भारत को इन महापुरुषों के सपनों का भारत होना चाहिए।
देश को बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी को बचाना जरूरी है
कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रहे कन्हैया कुमार ने कहा कांग्रेस पार्टी ने भीमराव अंबेडकर को संविधान बनाने की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा कि देश 1947 से पहले वाली स्थिति में चला गया है। जरूरत है कि देश की चिंतन परंपरा को बचाने की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी वो पार्टी है जो गांधी, नेहरू, सरोजनी नायडू, अशफाकउल्ला खां, भगत सिंह और अंबेडकर की विरासत के हिसाब से चलेगा। कन्हैया कुमार ने कहा कि मुझे एतिहासिक जिम्मेदारी मिली है। देश में विपक्ष का कमजोर होना केवल विपक्ष के लिए ही खतरनाक नहीं है बल्कि जब विपक्ष कमजोर होता है तो सत्ता तानाशाही रूख अख्तियार कर लेती है जैसा कि अभी हो रहा है। कन्हैया कुमार ने सीपीआई का नाम लिए बिना कहा कि मैं अपनी पुरानी पार्टी का धन्यवाद करता हूं कि मुझे वहां संघर्ष का प्रशिक्षण मिला। मैं उन लाखों करोड़ों लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने मेरे विचारों पर लड़ते हुए अपने दोस्तों, जीवनसाथी, माता-पिता या वरिष्ठों के साथ बहस किया और रिश्ते बिगाड़ लिये।
राजनीतिक विरासत से भटक गया है हमारा भारत
कन्हैया कुमार ने कहा कि मैंने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कभी नहीं बोला। केरल विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के खिलाफ नहीं बोला। कन्हैया कुमार ने कहा कि देश की राजनीतिक विरासत भटक गई है। वैचारिक विरासत का जड़ कहीं खो गया है। इस समय मामला वाम या दक्षिण का नहीं है। मैं आइसा का हिस्सा रहा। आज कांग्रेस में हूं। आपको बता दूं कि ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के इनॉगरल सेशन में जवाहरलाल नेहरू ने भाषण दिया था। अटल बिहारी वाजपेयी भी आईसा का सदस्य बने। व्यक्ति संगठन से बड़ा नहीं होता। मुझमें सीपीआई से ही सोचने, समझने, पढ़ने और लड़ने की क्षमता आई। उनके लड़ने का तरीका सही नहीं है। वैचारिक संकीर्णता है। राजनीतिक गतिविधियां परिस्थितियों से तय होती है।