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रांची:  JSSU ने राज्यपाल को लिखा पत्र, JPSC प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करवाने में पहल की अपील

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

मंगलवार को झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले तले सातवीं से दसवीं जेपीएससी पीटी परीक्षाफल में हो रही भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन के 37 वें दिन राजभवन के समक्ष महाधरना दिया गया। जिसमें झारखंड के विभिन्न जिलों से हजारों छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित मुकुंद नायक शामिल हुए। उन्होंने छात्रों को नैतिक समर्थन भी दिया। 

परीक्षा परिणाम नियमों के मुताबिक जारी नहीं किया! 
मौके पर छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो और मनोज यादव ने राज्यपाल से “झारखण्ड संयुक्त असैनिक सेवा (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा-2021” (Adv. No.- 01/2021) के परीक्षाफल को रद्द करने के संबंध मांग करते हुए कहा कि जेपीएससी के द्वारा दिनांक 19.09.2021 को “झारखंड संयुक्त असैनिक सेवा प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा-2021” का आयोजन किया गया, जिसका परिणाम दिनांक 01.11.2021 को जारी कर दिया गया। उधर जेपीएससी जल्दीबाज़ी में आगामी 28 जनवरी से लेकर 30 जनवरी 2021 के बीच मुख्य परीक्षा आयोजित करने जा रही है। परन्तु प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम विज्ञापन तथा नियमों के अनुरूप जारी नहीं किया गया है।

झारखंड स्टूडेंट यूथ एसोसिएशन ने मामले में राज्यपाल का ध्यान निम्नलिखित बिंदुओं की ओर आकृष्ट करवाया है। 
1. महोदय, विज्ञापन की कंडिका-10(2) – iv एवं v में स्पष्ट कहा गया है कि- प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट कुल रिक्तियों का लगभग 15 गुणा प्रकाशित किया जाएगा, यदि प्रकाशित रिजल्ट में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पर्याप्त संख्या (Adequate Numbers) में शामिल नहीं हो पाते है तो उनका कटऑफ तब तक नीचे किया जाएगा जब तक आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पर्याप्त संख्या में शामिल न हो जाए। लेकिन आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट का प्रकाशन कुल रिक्तियों का 15 गुणा ((irrespective of category) न कर कोटिवार रिक्तियों का 15 गुणा कर दिया है। कोटिवार रिजल्ट देने के बाद भी आयोग ने कई आरक्षित वर्ग का रिजल्ट अनारक्षित वर्ग में डाल दिया है।

2. महोदय, जेपीएससी ने अपने लिखित जवाब में यह स्वीकार्य किया है कि लोहरदगा तथा साहेबगंज परीक्षा केन्द्रों पर अपरिहार्य परिस्थिति उत्पन्न हुई है, जिसके कारण कई अभ्यर्थी सीरियली पास कर गए। आयोग का कहना है कि वृहद पैमाने पर परीक्षा करवाने के कारण ऐसी गड़बड़ियां हुई, जिसके लिए अभ्यर्थियों को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। महोदय, सवाल है कि अपरिहार्य परिस्थिति उत्पन्न हुई या जानबूझकर की गयी। आयोग के जवाब में भी विरोधाभास है, एक तरफ आयोग अपरिहार्य परिस्थितियों के लिए अभ्यर्थियों को उत्तरदायी नही ठहरता और दूसरी ओर उनके रिजल्ट को औपबंधिक मानते हुए अग्रेतर जांच की बात करता है। 
महोदय, उन अभ्यर्थियों का इसमें क्या दोष है जो अपरिहार्य परिस्थिति के कारण प्रारंभिक परीक्षा पास नहीं कर पाए। मीडिया रिपोर्टो के अनुसार लोहरदगा का वह सेंटर जहा से कई अभ्यर्थी सीरियली पास कर गए है, उस कक्ष में न तो कोई cctv कैमरा लगा हुआ था न ही अभ्यर्थियों की वीडियो फोटोग्राफी करवायी गयी थी, जबकि नियमानुसार ऐसा करना आयोग के लिए बाध्यकारी है।

3. महोदय, BC-II कोटे का एक अभ्यर्थी जिसका रोल नंबर- 52236.... है और उसे 230 अंक प्राप्त हुए है और यह अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट में पास (Pass) है। जबकि BC-II कोटे का कटऑफ मार्क्स आयोग के अनुसार 252 अंक गया है। आयोग अपने लिखित जवाब में इसपर मौन है।

4. महोदय, आदिम जनजाति कोटे का एक अभ्यर्थी जिसका रोल नंबर- 52039... है उसे 226 अंक प्राप्त हुए है और यह अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट में फेल (Fail) है। जबकि आदिम जनजाति कोटे का कटऑफ मार्क्स आयोग के अनुसार 220 अंक गया है।  

5. महोदय, सामान्य वर्ग का एक अभ्यर्थी जिसका रोल नंबर- 52095... है उसे 266 अंक प्राप्त हुए है और यह अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट में फेल (Fail) है। जबकि सामान्य वर्ग का कटऑफ मार्क्स आयोग के अनुसार 260 अंक गया है।  

6. महोदय, The Jharkhand Combined Civil Services Examination Rules, 2021 का कंडिका-30 स्पष्ट कहता है कि- प्रारंभिक परीक्षा की समाप्ति के बाद सभी अभ्यर्थियों का omr sheet आयोग की वेब साईट पर अपलोड कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक जेपीएससी ने न तो omr sheet अपलोड किया है और न ही किसी भी अभ्यर्थी का मार्क्सशीट और रिजेक्शन लिस्ट जारी किया है। सूचना है कि जेपीएससी ने कई अभ्यर्थियों का omr sheet जांचा ही नहीं है, इसलिए वह अपने वेब साईट पर ओएमआर शीट अपलोड नहीं कर रहा है। 

7. महोदय, जेपीएससी प्रश्न पत्र लीक होने की सूचना को बिना जाँच कराए केवल तर्कों के आधार पर खारिज कर रहा है, जबकि द्वितीय पाली (Second Sitting) शुरू होने से कई घंटे पहले पेपर-II के प्रश्न-उत्तर व्हाट्सएप्प पर वायरल हो चुके थे।  

8. महोदय, जेपीएससी विशेषज्ञ समिति की जांच के बाद, अभी भी 4-5 प्रश्नों के मॉडल उत्तर गलत है। विदित हो कि विशेषज्ञों द्वारा जाँच के बाद भी प्रसिद्ध स्थल डोम्बारी बुरु को बिरसा उलगुलान की जगह किसी अन्य विद्रोह से सम्बंधित कर दिया गया था, लेकिन मीडिया में प्रचारित होने के बाद आयोग ने इस प्रश्न के उत्तर को सही किया।

9. महोदय, ऐसी सूचना है कि जेपीएससी के द्वारा परीक्षा से संबंधित विभिन्न कार्यों को पूर्ण करने हेतु मैसर्स विनसिस ( BINSYS) टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को सर्विस प्रोवाइडर के रूप में नियुक्त किया गया है। वर्तमान में विनसिस के डायरेक्टर अरुण कुमार का संबंध एक अन्य सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ICN प्राइवेट लिमिटेड से भी है जिसके डायरेक्टर सुनील कुमार धवन है। ICN एवं सेंट्रल सिलेक्शन बोर्ड कांस्टेबल रिक्रूटमेंट, पटना, बिहार के बीच 2017-18 एवं 2018 -19 हेतु कांस्टेबल भर्ती के परीक्षा से संबंधित कार्यों को पूर्ण करने हेतु इकरारनामा किया गया था। एग्रीमेंट ICN की ओर से अरुण कुमार (Director BINSYS) ने किया था। 

प्रतिनिधिमंडल पर दर्ज झूठा मुकदमा वापस हो
परीक्षा से संबंधित विभिन्न कार्यों में लापरवाही, धोखाधड़ी एवं अन्य प्रकार के अनियमितताएं बरते जाने के कारण सुनील कुमार धवन के खिलाफ पटना के शास्त्री नगर थाने में आईपीसी की धारा 409 एवं 420 के मामले में एफआईआर (733/2019) दर्ज कराया गया था। विदित हो कि ICN के डायरेक्टर सुनील कुमार धवन पूर्व में विनसिस के डायरेक्टर भी रह चुके हैं। दूसरी प्रमुख बात यह है कि जेपीएससी में BINSYS का चयन टेंडर के माध्यम से नहीं किया गया है।  23 अक्टूबर को शांतिपूर्ण आंदोलन पर छात्रों के साथ लाठीचार्च किया गया। उसकी जांच की जाय तथा जेपीएससी अध्यक्ष के साथ वार्ता में गए  छात्र प्रतिनिधिमंडल पर झूठा मुकदमा वापस किया जाय।