द फॉलोअप टीम, रांची:
रांची के उपायुक्त ने अब ऐसी निर्जन जगह धरना-प्रदर्शन के लिए उपलब्ध कराई है, जहां न तो कोई ऑफिस है, और न ही कोई किसी का सुनने वाला। इसलिए झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की ओर से 8 अप्रैल से तीन दिवसीय महाधरना रांची के राजभवन के सामने दिया जाएगा। इसके पूर्व शहीद भगत सिंह शहादत दिवस और डॉ राममनोहर लोहिया की जयंती पर 23 मार्च को रांची में 'आरक्षण बढ़ाओ-अधिकार दो' विषय पर 'विचार-गोष्ठी' का आयोजन किया जाएगा, जिसमें समाज के प्रमुख बुध्दिजीवियों को आमंत्रित किया जाएगा। यह निर्णय झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की कोर कमेटी की शनिवार को हुई बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु ने की और संचालन प्रधान महासचिव बिरेंद्र कुमार ने किया। बैठक में कहा गया कि पहले विधानसभा-सत्र चलने के दौरान राजनीतिक-सामाजिक संगठनों या फिर आम जनता विधानसभा के समक्ष धरना-प्रदर्शन के माध्यम से सरकार और विधायकों के पास अपनी समस्याएं और मांगें रखा करते थे, लेकिन प्रदर्शन स्थल बहुत दूर पुंदाग में कर देने से दिक्क्तें आ रही हैं।
पिछड़े वर्गों के लिए 27% आरक्षण देने की घोषणा करे सरकार
बैठक में कहा गया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते हैं कि उनकी सरकार आंदोलनकारियों की सरकार है तो मुख्यमंत्री को वैश्य और पिछड़े वर्ग की भी बात सुननी चाहिए। चालू विधानसभा-सत्र में पिछड़े वर्गों के लिए 27% आरक्षण देने की घोषणा करना चाहिए। इसके वक्ताओं ने कहा कि वैश्य मोर्चा पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देने, वैश्य आयोग का गठन, छोटे दुकानदारों और व्यवसायियों के 10 लाख तक की ऋण माफी और वैश्य समाज के ऊपर हो रहे जुल्म-अत्याचार और उपेक्षा के खिलाफ आंदोलन को और तेज करेगाा।