द फॉलोअप टीम, रांची:
राज्य सरकार ने पतरातू प्रखंड के हेसला पंचायत की 222 एकड़ भूमि जियाडा को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। पीटीपीएस परिसंपत्ति की ओर से रह रहे लोगों को भी अविलंब आवास खाली करने को कहा गया है। सरकार के इस फैसले से वहां रह रहे लोग काफी आक्रोशित हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय विधायक अंबा प्रसाद ने झारखंड विधानसभा के निवेदन समिति में पत्र लिख कर सामाजिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विस्थापित ना करने का आग्रह सरकार से किया था। इसी कड़ी में दिन बृहस्पतिवार को झारखंड विधानसभा के बैठक में मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई| बैठक में मुख्य रूप से निवेदन समिति के सभापति उमाशंकर अकेला, बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद और झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह समेत संबंधित विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे।
50 सालो से रह रहे लोगों को पल भर नहीं हटाया जा सकता
हेसला पंचायत की जमीन को बचाने के लिए विधानसभा की बैठक में विधायक अंबा प्रसाद द्वारा पंचायत के आवास, झुग्गी, झोपड़ी सहित दुकानों को खाली कराने के नोटिस का भरपूर विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि उक्त पंचायत में लगभग 40-50 वर्षों से करीब 5500 लोग निवास कर रहे हैं, ऐसे में यह बेघर हो जाएंगे तो इनके सामने काफी मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा। हेसला पंचायत में काफी दिनों से वे लोग रह रहे हैं, एकाएक इस प्रकार से भूमि हस्तांतरित कर उनके घरों को खाली करने का नोटिस नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध है।
अंबा प्रसाद ने कहा कि पीटीपीएस परिसंपत्ति द्वारा निर्गत आदेश के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने आंदोलन छेड़ रखा है। विधायक ने कहा आवासों को किसी भी कीमत पर खाली नहीं होने दिया जाएगा, मैं उनकी ढाल बनकर सबसे आगे खड़ी रहूंगी। वही बैठक में मौजूद सभापति उमाशंकर अकेला और सदस्य के रूप में पूर्णिमा नीरज सिंह ने भी विधायक अंबा प्रसाद की बातों पर समर्थन देते हुए इस तरह से एकाएक क्वार्टर खाली करने के आदेश को गलत बताया। उन्होंने कहा कि जब वह लोग काफी दिनों से वहां रह रहे हैं और सरकार द्वारा उनको बिजली,पानी राशन संबंधी सुविधा मुहैया कराई है तो उन्हें बगैर किसी अन्यत्र जगह में विस्थापित किए एवं मुआवजा प्रदान किए खाली कराना गलत है।
पीटीपीएस ने एक सप्ताह में खाली करने का दिया है आदेश
विधायक अंबा प्रसाद ने पूरे मामले को लेकर कहा कि पीटीपीएस प्रबंधन द्वारा 1 सप्ताह के भीतर खाली कर दिए जाने के नोटिस को में गंभीरता से लिया है और हेसला ग्रामवासीयो से जाकर मुलाकात की है। पूरे मामले पर मैं पैनी नजर बनाए रखी हूं जो लोग जहां हैं उस स्थिति में रहे उन्हें आवंटन हो, लीज हो इसकी पूरी कोशिश करूंगी और किसी को उजड़ने नहीं दिया जाएगा। ज्ञात हो कि यह हेसला पंचायत की जमीन तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा 2017 जियाडा को दे दिया गया था।