द फॉलोअप टीम, रांची:
कोरोना काल में आयुष्मान भारत योजना का लाभ संक्रमितों को दिलाने में झारखंड दूसरे राज्यों से अव्वल रहा। इस योजना का झारखंड के 1419 मरीजों ने लाभ उठाया। वहीं पड़ोसी राज्य बिहार की स्थिति काफी खराब रही, यहां सिर्फ 19 लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिला। यह जानकारी झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने द फॉलोअप अप से बातचीत में दी।
हम बोलने में नहीं करने में रखते हैं विश्वास
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश भी जरूरतमंदों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाने में झारखंड से पीछे रहा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में महज 875 कोरोना संक्रमितों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाया जा सका। गुप्ता ने कहा कि अक्सर गुजरात के मॉडल की चर्चा होती है और दूसरे राज्यों को प्रशासन के गुजरात मॉडल को अपनाने की भी सलाह दी जाती है, लेकिन यहां किसी भी कोविड-19 पॉजिटिव को आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं दिलाया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने इन बड़े राज्यों पर तंज भी कसा, उन्होंने कहा कि अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन राज्यों को प्रशासन अपने राज्य की जनता के लिए कितना संवेदनशील है।
झारखंड में इतने हैं लाभार्थी परिवार
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना यानी आयुष्मान भारत योजना केंद्र सरकार की ओर से साल 2018 में शुरू की गई थी। जिसका मकसद बीपीएल कार्ड धारकों को पांच लाख रुपये सालाना का बीमा कवर देना था। इस योजना से जुड़े प्राइवेट अस्पताल में पात्र इलाज करा सकते हैं। इस योजना का बड़ा खर्च केंद्र सरकार वहन करती है, लेकिन राज्य को भी अपना हिस्सा देना पड़ता है। फिलहाल झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत 27,79,867 परिवार पात्र हैं। बाद में झारखंड सरकार ने अपनी ओर से 29,05,180 परिवारों को इस योजना से जोड़ा जिसका खर्च झारखंड सरकार ही उठाती है।