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Jharkhand Corona: प्रवासी श्रमिकों के लिए हेमंत सरकार का नया प्लान, जानिए! क्या है नई गाइडलाइन

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन लगाने के राज्यों के अधिकार को केंद्र सरकार ने आगामी 31 मई तक बढ़ा दिया है। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया है। इसका आशय ये है कि राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की राज्यों की शक्ति और कुछ समय के लिए बढ़ाई गयी है। झारखंड सराकर ने जहां 6 मई तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का एलान किया है वहीं बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। 

प्रवासी श्रमिकों की होगी अनिवार्य जांच
इस बीच राज्य की हेमंत सरकार ने दूसरे राज्यों से लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए नया नियम बनाया है। नए आदेश में कहा गया है कि प्रवासी श्रमिकों के लौटने से संक्रमण की रफ्तार बढ़ने का खतरा है इसलिए कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है। आदेश में कहा गया है कि अब दूसरे राज्य से लौटने वाले प्रत्येक श्रमिक का कोरोना टेस्ट करना जरूरी होगा। श्रमिकों का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जायेगा। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 

श्रमिकों का होगा रैपिड एंटीजन टेस्ट
आदेश में कहा गया है कि बाहर से लौटने वाले श्रमिकों का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जायेगा। जो श्रमिक पॉजिटिव पाए जाएंगे उनका कोविक केयर्स सेंटर में इलाज किया जायेगा। जिन श्रमिकों की रिपोर्ट निगेटिव आएगी उन्हें भी सात दिनों के लिए क्वारंटीन रहना होगा। श्रमिकों को सात दिनों तक निगरानी में रखा जायेगा। सात दिन की अवधि पूरा होने के बाद उनका दोबारा टेस्ट किया जायेगा। यदि रिपोर्ट निगेटिव आई तो घर जाने दिया जायेगा। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इलाज किया जायेगा। 

ग्रामीण इलाकों में कॉंटैक्ट ट्रेसिंग जरूरी
बता दें कि मंगलवार को विभागीय समीक्षा बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा था कि ग्रामीण इलाकों से संक्रमितों का सटीक आंकड़ा इकट्ठा करना जरूरी है। सीएम ने कहा कि जितनी संख्या में प्रवासी श्रमिक वापस लौटे हैं, इस बात की काफी आशंका है कि संक्रमण फैलेगा। सीएम ने कहा था कि ग्रामीणों इलाकों में जांच की रफ्तार बढ़ाई जानी चाहिए और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी करनी होगी।