द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि 20 अगस्त को भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती को पार्टी कार्यकर्त्ता पूरे राज्यभर में धूमधाम से मनायेगी। साथ ही बढ़ती महंगाई और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करेगी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ताओं ने बताया कि 20 अगस्त को राजधानी रांची में जगन्नाथपुर थाने के सामने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव द्वारा राजीव गांधी वरीष्ठ नागरीक पार्क का उदघाटन करेंगे एवं राज्य की जनता को समर्पित करेंगे। इसके अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों में विचार गोष्ठी, रक्तदान शिविर, अस्पताल एवं गरीबों के बीच फल का वितरण समेत कई कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। जिसकी रूपरेखा तय की जा रही है।
प्रवक्ताओं ने कहा भारत रत्न राजीव गांधी का झारखण्ड की धरती से विशेष लगाव था और झारखंड स्वशासी परिषद का गठन किया और अलग राज्य बनाने की दिशा में ठोस पहल की थी लेकिन उनके नाम पर झारखंड में कुछ भी नहीं हो पाया था लेकिन डा रामेश्वर उराँव के सकारात्मक सोंच एवं प्रयासों से राजीव गांधी वरीष्ठ नागरीक पार्क का निर्माण कराया गया जिसे माननीय मंत्री 20 अगस्त को राज्य की जनता के लिए समर्पित करेंगे। आलोक दूबे,किशोर शाहदेव,डा राजेश गुप्ता छोटू ने यह भी कहा कि इस दौरान महंगाई और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों से भी लोगों को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन का यह बयान पूरी तरह से तथ्यों से परे है कि तेल बॉन्ड के कारण पेट्रोल-डीजल की कीमत में वृद्धि हो रही है। बल्कि हकीकत यह है कि मोदी सरकार के सब्सिडी घटाने और कर बढ़ाने से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ताओं ने कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भाजपा की ‘झूठ से बैर नहीं, सच की खैर नहीं’ वाली नीति पर अमल कर रही हैं। अब तक के सबसे उच्चस्तर पर पहुंचे पेट्रोल,डीजल के दाम में कमी के लिये उत्पाद शुल्क में कटौती से इनकार करते हुये कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इन ईंधनों पर दी गई भारी सब्सिडी के एवज में किये जा रहे भुगतान के कारण उनके हाथ बंधे हुए हैं। जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यूपीए सरकार में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और केरोसिन की बिक्री उनकी वास्तविक लागत से काफी कम दाम पर की गई थी। तब की सरकार ने इन ईंधनों की सस्ते दाम पर बिक्री के लिये कंपनियों को सीधे सब्सिडी देने के बजाय 1.34 लाख करोड़ रुपये के तेल बॉंड जारी किए थे। उस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 100 डालर प्रति बैरल से ऊपर निकल गये थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ताओं ने कहा कि केंद्र की सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने तेल बॉन्ड पर 73,440 करोड़ रुपये खर्च किये, जबकि गत सात वर्षों में उसने पेट्रोलियम उत्पादों पर कर के जरिये 22.34 लाख करोड़ रुपये वसूले। तेल बॉन्ड पर खर्च इस कर संग्रह का मात्र 3.2 प्रतिशत था।उन्हांने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने का असली कारण ये तेल बॉन्ड नहीं हैं, बल्कि यह है कि इस सरकार ने 12 गुणा सब्सिडी घटाई है और पेट्रोल, डीजल एवं पेट्रोलियम पदार्थों में टैक्स तीन गुणा बढ़ोतरी की है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ताओं ने क्या है ऑयल बॉन्ड कांग्रेस ने शुरु नहीं किया था पहला ऑयल बान्ड 1 अप्रैल 2002 को अटल बिहारी वाजपेयी ने 9000 करोड़ रुपए का शुरू किया था और उसकी रीपेमेंट 2009 को यूपीए सरकार चुकाया था लेकिन कांग्रेस पार्टी ने कभी यह शोर नहीं मचाया कि 9000 करोड़ रुपए वाजपेयी जी देकर चले गए। क्योंकि ऑयल बान्ड के सर्विसिंग की राशि इतनी कम होती है जो कुल टैक्स संग्रहण के मुकाबले बिल्कुल कम होता है और यही वजह है कि 2021 में टोटल पेट्रोल डीजल पर टेक्स्ट संग्रहण 5 लाख करोड रुपए का है जबकि मात्र 20 हजार करोड़ रुपये ऑयल बान्ड को देने हैं। जो मुश्किल से मात्र 3% होता है, इसलिए केंद्रीय सीतारमन जी का यह कहना कि यूपीए सरकार के कारण पेट्रोल डीजल के उत्पाद शुल्क काम नहीं किए जा सकते हैं सरासर झूठ है।