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कांग्रेस का 'स्पीक अप अगेंस्ट टविटर हेपोक्रेसी' कैंपेन, केंद्र पर लगाया विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

राहुल गांधी सहित देशभर के कई कांग्रेसी नेताओं का टविटर हैंडल लॉक कर दिया गया था। इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी देश भर में सोशल मीडिया कैंपेन चलाएगी। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार के इशारे पर कांग्रेसी नेताओं का ट्विटर हैंडल लॉक किया गया। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कई बड़े नेताओं ने भी कैंपेन में हिस्सा लिया। 

स्पीक अप अगेंस्ट ट्विटर हेपोक्रेसी
स्पीक अप एगेंस्ट ट्विटर हेपोक्रेसी हैशटैग के माध्यम से  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ0 रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर, मंत्री बन्ना गुप्ता और बादल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू समेत अन्य नेताओं-कार्यकर्त्ताओं ने भी इस कैंपन में हिस्सा लिया और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं के लॉक किये गये ट्विटर हैंडल को अनलॉक करने की मांग की गयी।

ट्विटर बीजेपी से डरना बंद करे! 
इस कैंपेन के तहत सोशल मीडिया पर अपना वीडियो अपलोड करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा रामेश्वर उरांव ने कहा सोशल मीडिया एवं ट्विटर को कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि हमारे देश के नेताओं एवं प्रबुद्धजनों का हमारे अधिकारों का हनन करे। केन्द्र सरकार के दवाब में देशवासियों की आवाज दबाना बंद करें। ट्विटर, भाजपा से डरना बन्द करे एवं न्याय की आवाज उठाने वाले अकाउंट अनलॉक करे और आंतरिक राजनीति का हिस्सा ना बनें।

न्यूट्रल होकर काम करे ट्विटर! 
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि ट्विटर जैसी कंपनी देश में बिजनेस करने आयी है, उन्हें न्यूट्रल होकर काम करना चाहिए, केंद्र सरकार के इशारे या राजनीतिक दबाव में काम नहीं करना चाहिए।

प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया बैन! 
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही प्रिंट और इलेक्ट्रिनक मीडिया पर पाबंदी लगा रही है और अब सोशल मीडिया पर अंकुश देख की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक है। 

आम जनता को आवाज उठाने से रोकना गलत
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि पेगासस जासूसी कांड, बेरोजगारी, देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के खिलाफ उठने वाले आवाज को दबाने के लिए इस तरह का कदम उठाया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी और आम जनता को अब आवाज उठाने से रोकना केंद्र सरकार के लिए संभव नहीं होगा।