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सार्वजनिक संपत्ति पूंजीपतियों के हाथों बेचने की कोशिश में जुटी मोदी सरकार: कांग्रेस

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द फॉलोअप टीम, रांची:

केंद्र की मोदी सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन कार्यक्रम के तहत  देश की सार्वजनिक संपत्ति को अपने कुछ पूंजीपति मित्रों के हाथों में बेचने की कोशिश में जुटी है। ‘‘मैं देश नहीं बिकने दूंगा’’ का नारा देने वालों की सच्चाई अब जनता के सामने आ गयी है। सरकारी संपत्तियों की बिक्री का नया प्लान राष्ट्र विरोधी है और यह देश में एकाधिकार व्यवस्था कायम करने और अपने चंद पूंजीपति मित्रों को सहायता पहुंचाने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। उक्‍त आरोप झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने लगाए हैं। बयान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ. राजेश गुप्ता छोटू की ओर से जारी किए गए हैं।

जनता की मुश्किलें भी बढ़ेंगी
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि सरकारी संपत्तियों को बेचने के लिए केंद्र सरकार ने जो नेशनल मोनेटाइजेशन प्रोग्राम तैयार किया है, इससे देश की रीढ़ माने वाली रेलवे, सड़क और हवाई क्षेत्र पूरी तरह से निजी हाथों में चला जाएगा। वहीं मोबाइल कंपनियों की लूट के बाद अब बिजली, वेयरहाउसिंग, पोर्ट, माइनिंग , होटल और स्टेडियम तक निजी हाथों में सौंपने का मकसद अपने तीन-पांच उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाना है। लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि मोदी सरकार टेलीकॉम से लेकर हर क्षेत्र को अब निजी हाथों में सोंपने की कोशिश में है। 25 हजार किमी से अधिक के नेशनल हाइवे, 400 रेलवे स्टेशन,, 150 ट्रेन और 25 एयरपोर्ट के अलावा 160 कोल ब्लॉक, 761 मिनरल ब्लॉक, समेत कई स्टेडियम और होटल को भी बेचे जाने की तैयारी है। राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि  सारी सार्वजनिक कंपनियों के निजी हाथों में चल जाने से रोजगार के अवसर में कमी आएगी, वहीं देश में चंद पूंजीपतियों का एकाधिकार बढ़ेगा, इससे लोगों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी।