द फ़ॉलोअप टीम, रांची
शुक्रवार की अहले सुबह अंतरराष्ट्रीय एथलीट के तकनीकी पदाधिकारी और मास्टर एथलीट प्लेयर नारायण साहू का निधन हो गया। बता दें कि 2 माह पहले ही नारायण साहू को झारखंड एथलेटिक्स मीट के दौरान तकनीकी ऑफिशियल की जिम्मेदारी दी गई थी। बीमार होने की वजह से वह पिछले एक माह से रिम्स में इलाजरत थे। जानकारी के अनुसार उनका निधन रिम्स के ट्रामा सेंटर में हुआ है। वहीं उनके परिजनों ने राज्य सरकार पर एक अंतरराष्ट्रीय पूर्व प्लेयर की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
दर्जनों अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता थे नारायण साहू
मास्टर एथलीट की जूनिनियत इतनी थी वह कोरोना काल के दौरान भी कई वर्तमान एथलीट को ट्रेनिंग देते दिखे थे। यहां तक की इस महामारी के बावजूद भी वह एक्टिव थे। मास्टर एथलेटिक्स में दर्जनों अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने वाले नारायण साहू एक बेहतरीन प्लेयर थे। बता दें प्रत्येक वर्ष गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अरगोड़ा मैदान में वह कुछ ना कुछ खास आयोजन जरूर करवाते थे। कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती थी। नारायण साहू के निधन पर खेल जगत में शोक की लहर है।
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परिजनों ने राज्य सरकार और रिम्स प्रबंधक पर अनदेखी का आरोप लगाया
एथलीट की मौत के बाद परिजनों ने सरकार और खेल विभाग के साथ-साथ रिम्स प्रबंधन पर भी कई सवाल दागे हैं। परिजनों की मानें तो रिम्स में इलाज करवाने के बावजूद डेढ़ से दो लाख रुपये एक महीने में ही खर्च हो गया। इसके साथ ही परिजनों ने बताया की चिकित्सकों की ओर से बाहर से दवाएं मंगवाने का दबाव बनाया जा रहा था। सरकारी स्तर पर गुहार लगाने के बावजूद किसी भी तरीके से इनको कोई सहायता नहीं पहुंचाई गई। नारायण साहू के बेटे ने इसे लेकर नाराजगी प्रकट की है। साथ ही कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के ऐसे खिलाड़ियों के साथ इस राज्य में यही हश्र लगातार हो रहा है। ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो वृद्ध और बीमार है लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं है।